बिहार उपचुनाव: गोपालगंज में मुस्लिम-यादव के अलावे सवर्ण वोटरों की भी बड़ी भूमिका, जानें जातिवार भूमिका

Bihar Upchunav 2022: गोपालगंज में उपचुनाव के लिए गुरुवार को मतदान होना है. इस सीट पर राजद और भाजपा दोनों ने जोर लगाया है. यहां मुस्लिम मतदाता सबसे अधिक हैं लेकिन सवर्ण वोटरों की भूमिका बड़ी होगी. जानें जातीय गणित..

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2022 3:27 PM

Bihar Upchunav 2022: बिहार उपचुनाव के मतदान का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. प्रदेश की दो सीटों पर गुरुवार को वोटिंग करायी जाएगी. गोपालगंज और मोकामा में घमासान होना है. गोपालगंज लालू यादव का गृह जिला है जहां से राजद ने इसबार उम्मीदवार उतारा है. जबकि भाजपा ने सुभाष सिंह की पत्नी को टिकट थमाया है. राजद की ओर से वैश्य उम्मीदवार उतारे गये हैं. जबकि इस क्षेत्र में मुस्लिम समुदाय के वोटर सबसे अधिक हैं. जानिये क्या है यहां का जातीय गणित…

गोपालगंज का मुकाबला

गोपालगंज में लंबे से भाजपा का दबदबा रहा है. सुभाष सिंह यहां से बीजेपी की ओर से लगातार जीत दर्ज करते रहे. उनके असमय निधन के बाद उपचुनाव कराया जा रहा है. भाजपा ने सुभाष सिंह की पत्नी कुसुम देवी पर दांव खेला है. गोपालगंज विधानसभा की खाली सीट के लिए हो रहे उप चुनाव में मुख्य मुकाबला भाजपा की कुसुम देवी और राजद के मोहन गुप्ता के बीच है. यहां बसपा की इंदिरा देवी मुकाबले को रोचक बना रही हैं. इंदिरा देवी राबड़ी देवी के भाई साधु यादव की पत्नी हैं. जबकि ओवैसी की पार्टी AIMIM ने भी प्रत्याशी उतारा है.

गोपालगंज में वोटर्स

गोपालगंज में कुल वोटरों की संख्या 3 लाख 31 हजार 469 है. जिसमें पुरुष वोटर 1 लाख 68 हजार, 224 तो महिला वोटर 1 लाख 63 हजार 234 है. यहां 193 बूथों पर गुरुवार को वोट डाले जाएंगे. गोपालगंज में मतदाताओं में सबसे अधिक तादाद मुस्लिमों की है. करीब 65,000 मुस्लिम वोटर यहां हैं. जबकि दूसरे नंबर पर 49,000 के करीब राजपूत मतदाता हैं. 47,000 यादव मतदाता होने के कारण राजद यहां MY समीकरण वाली जमीन भी मजबूत करने की कोशिश की है.

Also Read: बिहार उपचुनाव: मोकामा में भूमिहार समेत इन जातियों के वोट से बनेगा या बिगड़ेगा खेल, समझिये गणित…
सवर्ण वोटरों पर रहेंगी निगाहें

गोपालगंज में वैश्य मतदाताओं पर भी सभी प्रत्याशियों की नजर रहेंगी. 38,000 वैश्य तो करीब 35,000 ब्राह्मण मतदाता इस क्षेत्र में हैं. करीब 16, 000 कोइरी-कुर्मी और लगभग 10 हजार भूमिहार वोटर भी बहुत कुछ तय करेंगे. कुल मिलाकर देखा जाए तो सवर्ण वोटरों के हाथ में भी इस क्षेत्र में बहुत कुछ रहता है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

Next Article

Exit mobile version