Bihar News: कबाड़ में गाड़ियों को नष्ट करने के पहले उसकी पुलिस के स्तर पर जांच की जायेगी. कोई चोरी की गाड़ी को कबाड़ में नष्ट न करा दे, इसके लिए अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के दस्तावेज से गाड़ियों के नंबर का मिलान किया जायेगा. इसके अलावा गाड़ी मालिकों को स्व-अभिप्रमाणित शपथ पत्र भी देना होगा कि नष्ट होने वाली उनकी अपनी गाड़ी है और भविष्य में अगर कोई मामला सामने आएता तो उनके खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जायेगी. हाल ही में राज्य कैबिनेट ने तय किया है कि जो गाड़ियां सड़क पर चलने के लायक नहीं हैं, तो उसे कबाड़ केंद्रों में नष्ट करवाया जा सकता है. कबाड़ केंद्र खोलने के लिए परिवहन विभाग की ओर से जल्द ही आवेदन आमंत्रित किया जायेगा.
लेकिन इन कबाड़ केंद्रों पर कोई भी जाकर गाड़ी को नष्ट न करवा ले, इसके लिए पुख्ता इंतजाम किए जायेंगे. विभागीय योजना के अनुसार निबंधित कबाड़ केंद्रों पर गाड़ियों की स्क्रैपिंग कराने से पहले इसकी जांच की जायेगी वास्तव में गाड़ी का मालिक सही है या नहीं. इसके लिए ऑनर बुक, आधार कार्ड से लेकर परिवहन विभाग के अधिकारियों से भी मदद ली जायेगी. रिकॉर्ड की जांच राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के साथ ही स्थानीय पुलिस की ओर से चोरी होने वाले वाहनों की रिकॉर्ड से भी मिलान किया जायेगा.
जिन गाड़ियों को कबाड़ केंद्रों में नष्ट किया जायेगा, उसका रिकॉर्ड कम से कम छह महीने तक सुरिक्षत रखा जायेगा. साथ ही इन गाड़ियों को नष्ट करने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी भी परिवहन विभाग को दी जायेगी ताकि अगर कोई दावा करे तो उसका सत्यापन हो सके. कबाड़ केंद्र संचालन की जिम्मेदारी देने के साथ ही विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि गाड़ियों के नष्ट होने की प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी हो.
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किसी भी सूरत में तस्करी में शामिल, चोरी या अन्य अवैध धंधे-कारोबार में लगी गाड़ियों को कोई नष्ट न करवा ले. कबाड़ केंद्र खोलने वालों से एक लाख निबंधन शुल्क तो 10 लाख की बैंक गारंटी भी ली जायेगी. कबाड़ केंद्र खोलने की मंजूरी 10 वर्षों के लिए दी जायेगी, जिसे बाद में और 10 साल के लिए विस्तार किया जायेगा.
15 साल पुरानी व्यवसायिक या 20 वर्ष से अधिक निजी गाड़ियां जिनका रजिस्ट्रेशन दुबारा नहीं किया गया हो, वह कबाड़ केंद्र में जा सकेंगी. वहीं आग, दुर्घटना में सड़क पर चलने के लायक नहीं हैं, उन्हें भी नष्ट किया जा सकेगा. परिवहन विभाग ने किसी गाड़ी को सड़क पर चलने के लायक नहीं माना है और उसे फिटनेस सर्टिफिकेट नहीं मिला हो, तो वैसी गाड़ियां भी कबाड़ केंद्रों में जा सकती हैं.