बिहार की राजनीति गरमायी हुई है. प्रदेश का सियासी पारा फिर एकबार चढ़ा हुआ है. सूबे में बनी नयी सरकार को आज सोमवार को विश्वास मत हासिल करना है. विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के पहले राजधानी पटना में सियासी हलचल तेज हो गयी. सभी दलें अपने-अपने विधायकों को अपने खेमे में मजबूती से रखने के लिए प्रयासरत रहे. विधायकों को एकजुट रखने के लिए एकसाथ रखने की कवायद दिखी. वहीं विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए पूरे बिहार में पुलिस के द्वारा विशेष अभियान चलाया जा रहा है.
बिहार पुलिस मुख्यालय ने विधायकों की खरीद-फरोख्त को रोकने व उसपर नजर रखने के लिए अलर्ट जारी किया है. पुलिस सूत्रों के अनुसार राज्य भर में पुलिस प्रशासन को अलर्ट किया गया है. यह अलर्ट सोमवार की शाम तक लागू रहेगा. इस दौरान पूरे राज्य में विशेष वाहन जांच अभियान भी संचालित किया जायेगा. पुलिस प्रशासन किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तत्काल कार्रवाई करेंगे. पुलिस सूत्रों के अनुसार विधायकों के साथ मिलने-जुलने वालों पर भी नजर रखी जायेगी. हालांकि, इस अलर्ट को लेकर आलाधिकारी कुछ बोलने से परहेज करते रहे.
बता दें कि बिहार में सत्ता का संग्राम छिड़ा हुआ है. एनडीए ने नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार बनायी है. वहीं नयी सरकार को सोमवार को बहुमत की परीक्षा देनी है. जिसे लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष अपनी-अपनी गुणा-भाग में लगी रही. रविवार देर रात तक सियासी गलियारे की हलचल तेज रही. राजनीतिक दलों ने अपने-अपने विधायकों की गोलबंदी की. लेकिन अलग-अलग दलों में विधायकों के टूट की अटकलें चलती रही. जिसके बाद अब खरीद-फरोख्त के कयास लगाए जा रहे हैं.
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जदयू की बैठक में कुछ विधायक मौजूद नहीं रहे. जदयू का दावा रहा है कि वो विधायक निजी कारणाें से शामिल नहीं हो सके और इसकी सूचना उन्होंने दे दी थी. जबकि सोमवार को विश्वासमत से ठीक पहले जदयू नेता संजय झा ने दावा किया कि जदयू के विधायकों को खरीदने की कोशिश की गयी. उन्हें प्रलोभन दिया गया और इसपर पूरी जानकारी जुटाकर फिर कार्रवाई भी की जाएगी. संजय झा ने कहा कि हमारे सभी विधायक एकजुट हैं.