Bihar Vidhan Sabha Session 2021: बिहार विधानसभा में महबूब आलम के ध्यानाकर्षण सूचना के जवाब के अंत में समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी की जुबान फिसली और विपक्ष का निशाना बन गये. मंत्री के जवाब को लेकर माले सहित सभी विरोधी दल के नेता वेल में आ गये और मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगे. जब तक विरोधी दलों की मांग तेज होती कि इधर विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने पहली पाली की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी.
विधानसभा में महबूब आलम सहित अन्य सदस्यों ध्यानाकर्षण सूचना के माध्यम से राज्य में वृद्धा पेंशन पानेवाले हजारों लोगों को पेंशन से वंचित होने की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया. प्रश्न कर्ता का कहना था कि पहले प्रखंड कार्यालय या ग्राम पंचायतों में शिविर लगाकर प्रखंड विकास पदाधिकारी या मुखिया माध्यम से हाथों-हाथ वृद्धा पेंशन की नकद राशि का भुगतान होता था.
जब से लाभुकों को बैंक खाते में भुगतान किया जाने लगा तब से पेंशन पाने वाले लाभुक वृद्धों या वृद्धाओं के बैंक खाते में राशि नहीं जा रही है. ऐसे लोग पेंशन पाने से वंचित हो रहे हैं. इसके जवाब में समाज कल्याण मंत्री मदन साहनी ने बताया कि डीपीटी के माध्यम से राज्य के 90 लाख लोगों को पेंशन दिया जाता है.
तीन लाख वैसे लोग हैं जिनका किसी कारण वश पेंशन रुका है उनको पेंशन देने की कार्रवाई की जा रही है. अंत में उन्होंने कहा कि वह यह बात सदन में कहना नहीं चाहते हैं पर सच तो यह है कि प्रश्न करनेवाले दलों का काम ही हाथों-हाथ के पेंशन के कारण चलता है. मंत्री जवाब सुनते ही पहले माले के सदस्य वेल में आ गये और विरोध करना शुरू कर दिया.
Posted by: Radheshyam Kushwaha