बिहार हिंसा अपडेट: नालंदा में आठ अप्रैल तक इंटरनेट बंद, सासाराम में घायल व्यक्ति की मौत, प्रशासन अलर्ट
बिहार में रामनवमी पर शुरू हुई हिंसा अब थम चुकी है. मगर पुलिस और प्रशासन स्थिति को लेकर अभी अलर्ट है. बताया जा रहा है कि नालंदा में अब आठ अप्रैल तक इंटरनेट को बंद कर दिया गया है. इसके साथ ही, सासाराम में भी अभी इंटरनेट की सेवा बंद रहेगी.
बिहार में रामनवमी पर शुरू हुई हिंसा अब थम चुकी है. मगर पुलिस और प्रशासन स्थिति को लेकर अभी अलर्ट है. बताया जा रहा है कि नालंदा में अब आठ अप्रैल तक इंटरनेट को बंद (Nalanda Internet Ban) कर दिया गया है. इसके साथ ही, सासाराम में भी अभी इंटरनेट की सेवा बंद रहेगी. पुलिस की सुरक्षा में बाजार को खोला जा रहा है. दोनों जगहों पर अभी भी धारा 144 लागू है. जिला प्रशासन ने बिहारशरीफ के सामान्य स्थिति को देखते हुए आज से दुकानों को खोलने में थोड़ी और राहत दी है. शहर की दुकानें अब दोपहर तीन बजे तक खुली रहेगी. इससे पहले दो बजे तक ही खोलने का आदेश था.
मौसी के घर आया युवक बना उपद्रवियों का शिकार
सासाराम में हिंसा में घायल एक व्यक्ति की मौत हो गयी. बताया जा रहा है कि उसे इलाज के लिए वाराणसी में भर्ती कराया गया था. मृतक की पहचान रोहतास के नासरीगंज थाना क्षेत्र के अमियावर गांव निवासी निरंजन चौधरी के पुत्र राजा चौधरी के रूप में हुई है. वो अपनी मां के आंखों का ऑपरेशान कराने मौसी के घर सासाराम आया था. लोगों ने बताया कि जिस वक्त सासाराम में हिंसा भड़की, राजा घर की छत पर खड़ा था. तभी उपद्रवियों ने उसे अपना निशाना बना लिया. उसके सिर में गंभीर चोट आयी थी.
Also Read: बिहार: स्नातक एडमिशन की तैयारी पूरी, 15 जुलाई से शुरू होगी क्लास, तुरंत जानें आवेदन से जुड़ी महत्वपूर्ण डिटेल
डीएम-एसपी के नेतृत्व में सशस्त्र बलों का फ्लैग मार्च
रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों ने बिहारशरीफ शहर में फ्लैग मार्च किया. यहां बता दें कि बिहारशरीफ में तीन बटालियन रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गयी है, जो शहर के घटनास्थल से लेकर जगह–जगह पर तैनात हैं. लोगों में भय समाप्त करने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स द्वारा फ्लैग मार्च किया जा रहा है. इस फ्लैग मार्च में आइटीबीपी, आरएएफ, एसएसबी, बीएमपी एवं जिला पुलिस बल की टुकड़ियां थीं. फ्लैग मार्च भरावपर से प्रारंभ होकर गगन दिवान, बाबा मणिराम अखाड़ा होते बिहार थाना में समाप्त हुआ. फ्लैग मार्च में अनुमंडल पदाधिकारी सहित अन्य पुलिस पदाधिकारी शामिल थे.