पटना. बिहार में फिलहाल पुरवैया हवा शक्तिशाली बनी रहेगी. अगले चार दिन तक चंपारण क्षेत्र, उत्तर और पूर्व बिहार में प्री मॉनसून बारिश का दौर जारी रहेगा और एक सप्ताह तक राज्य में लू चलने की संभावना नहीं है. इधर बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहे चक्रवात का फिलहाल बिहार पर कोई असर नहीं है. उसके तट पर टकराने के बाद दिशा बतायेगी कि बिहार पर उसका क्या और कितना असर पड़ेगा.
चक्रवाती तूफान ‘असानी’ को लेकर मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है. इस तूफान के मद्देनजर मंगलवार से शुक्रवार के बीच पश्चिम बंगाल के कुछ जिलों में गरज के साथ छीटें पड़ने और मध्यम से भारी बारिश की आशंका है. इसका असर झारखंड के कुछ हिस्सों पर भी पड़ सकता है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) के मुताबिक, बंगाल की खाड़ी में मंडरा रहे तूफान के रविवार की शाम को 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चक्रवात में तब्दील हो सकता है.
यह इस मौसम का पहला चक्रवाती तूफान होगा. इस बीच, आइएमडी ने शनिवार को बताया कि बंगाल की खाड़ी में बना चक्रवाती तूफान ओड़िशा या आंध्र में दस्तक नहीं देगा, पर ओड़िशा तट के समानांतर आगे बढ़ेगा. इसकी वजह से ओड़िशा तट के पास समुद्र की स्थिति नौ व 10 मई को खराब रहेगी. समुद्र में हवा की गति बढ़ कर 80 से 90 किमी प्रति घंटे हो जायेगी.
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आइएमडी के अनुसार, तूफान के प्रभाव से ओड़िशा के तटीय जिलों-गंजम, गजपति, खुर्दा, जगतसिंहपुर व पुरी में 10 मई की शाम के बाद हल्की से मध्यम बारिश होगी. 11 मई को गंजम, खुर्दा, पुरी व कटक में एक-दो जगहों पर भारी बारिश हो सकती है. ओड़िशा सरकार ने एहतियातन एनडीआरएफ के 17 दलों, ओड़िशा आपदा त्वरित कार्रवाई बल व दमकल विभाग के 175 दलों को बुलाया है. राज्य में 2021 में ‘यास’, 2020 में ‘अम्फान’ और 2019 में ‘फानी’ तूफान आया था.