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मनुष्य से लेकर जानवर तक के लिए सरकार कर रही ठंड से बचाव की व्यवस्था, 50 शहरों में बने 65 अस्थायी रैन बसेरे, पशुपालकों के लिए एडवाइजरी

सभी रैन बसेराें को इस बार वॉटर प्रूफ बनाया गया है, ताकि शीत आदि की समस्या नहीं हो.

पटना. राज्य के 50 नगर निकायों में 65 अस्थायी रैन बसेरे तैयार किये गये हैं. इन अस्थायी रैन बसेराें में 1072 बेडों की व्यवस्था की गयी है. अस्थायी रैन बसेरों में फोल्डिंग चारपाई, चादर, कंबल, तकिया के साथ बेड तैयार किये गये हैं.

अधिक ठंड होने पर अलाव की व्यवस्था की जायेगी. सभी रैन बसेराें को इस बार वॉटर प्रूफ बनाया गया है, ताकि शीत आदि की समस्या नहीं हो. इसके अलावा इस बार मोबाइल चार्जिंग की व्यवस्था भी गयी है.

अधिकतर रैन बसेराें को चालू करा दिया गया है. ये रैन बसेरे 15 फरवरी तक चलाये जायेंगे. इन रैन बसेराें को शहर के बेघरों व फुटपाथ पर रहने वाले लोगों और अन्य शहरों से आने वाले राहगीरों के लिए चालू किया गया है.

स्थायी रैन बसेराें में भोजन की व्यवस्था

नगर विकास व आवास विभाग के निर्देश पर दीन दयाल शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत स्थायी रैन बसेराें का निर्माण किया गया है. विभाग की ओर से इस बार 50 बेडों की क्षमता वाले कुल 40 रैन बसेरों को तैयार किया गया है.

इस बार सर्दी के मौसम में लोगों को यह सुविधा मिलेगी. शहर के छह स्थायी व छह अस्थायी रैन बसेरों में इसकी व्यवस्था की गयी है. विभाग के निर्देश पर गांधी मैदान, सैदपुर, गायघाट, मैग्डोनल गोलंबर, साइंस कॉलेज और महाबीर मंदिर के पास रैन बसेराें को तैयार किया गया है.

कंबल वितरण के लिए निकायों को निर्देश

स्थायी व अस्थायी रैन बसेराें के अलावा फुटपाथ पर रहने वाले बेघरों के लिए भी कंबल का वितरण किया जायेगा. नगर विकास व आवास विभाग ने इसके लिए सभी स्थानीय नगर निकायों को निर्देश दिये गये हैं. नगर निकाय अपने स्तर से कंबल की खरीद करेंगे और वितरण का काम करेंगे.

पशुओं को शीतलहर से बचायेगी सरकार

राज्य का दुग्ध उत्पादन सर्दियों में प्रभावित न हो इसके लिए सरकार ने पशुओं को शीतलहर से बचाने के लिए सभी जिलों को आदेश दिया है. पशुपालन निदेशालय ने एडवाइजरी जारी कर प्राथमिक उपचार से लेकर पशु शेल्टर तक के इंतजाम करने को कहा है.

डॉ संजय कुमार सिन्हा, संयुक्त निदेशक (पशु स्वास्थ्य) ने सभी जिला पशुपालन पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि शीतलहर के मौसम में पशुओं के बचाव के लिए प्रारंभिक कार्रवाई शुरू कर दी जाये.

शीतलहर के प्रभाव की रोकथाम, प्राथमिक चिकित्सा सहायता आदि का प्रबंध करने को कहा है़ सभी जिलों में पशुपालकों के लिए हेल्पलाइन लाइन नंबर जारी किया जायेगा.

गांव- गांव में बताना है कि ठंड में क्या करना है, क्या नहीं करना है. सभी जीवनरक्षक दवा का इंतजाम और सर्दी से पशुओं की मौत होने पर उनके शव के डिस्पोजल (निष्पादन) के लिए जगह चिह्नित करने की का जिम्मा भी पशुपालन अधिकारी को दिया गया है.

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले राज्य सरकार को एडवाइजरी भेजी थी़ इसमें शीतलहर से सर्वाधिक राज्यों में बिहार भी रहेगा.

Posted by Ashish Jha

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