पटना. उत्तरी बिहार और मध्य बिहार में दक्षिणी और पुरवैया हवा का शक्तिशाली प्रवाह बना हुआ है. साथ ही चक्रवाती सिस्टम भी शक्तिशाली बने हुए हैं. इसकी वजह से सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया,कटिहार ,भागलपुर और बांका आदि निकटवर्ती क्षेत्र में अगले दो दिन तक बारिश और ठनका का पूर्वानुमान जारी किया गया है.
इधर बुधवार को तराई क्षेत्र से लेकर पूर्वी बिहार तक कई जिलों में बुधवार को आंधी-पानी के साथ बारिश और कुछ एक स्थानों पर हल्की ओला वृष्टि भी दर्ज की गयी है. 22 अप्रैल तक उत्तरी बिहार में तेज हवा के साथ बारिश के आसार बने रहेंगे. सर्वाधिक बारिश अररिया, मधेपुरा,सुपौल में हुई है. फॉर्बिसगंज (अररिया) में 52.4, निर्मली (सुपौल )में 27 , अररिया में 24.4, जोकीहाट (अररिया ) में 25.4 और मधेपुरा,झंझारपुर इत्यादि करीब दर्जन भर स्थानों पर दस मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गयी है.
बुधवार को औरंगाबाद जिला प्रदेश में सबसे गर्म रहा. यहां उच्चतम तापमान 43 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. इसके अलावा 40 या इससे अधिक तापमान वाले जिला डेहरी में 42.6 और छपरा में 40.3 डिग्री सेल्सियस पारा दर्ज किया गया है. उत्तरी बिहार के इस इलाके में पारा बीते रोज की तुलना में तीन से छह डिग्री तक कम दर्ज किया गया है.
इस बदले मौसम की वजह से पटना और उसके आसपास के जिलों में भी पिछले 48 घंटे में उच्चतम तापमान सात डिग्री तक घटा है. पटना में पारा सामान्य से दो डिग्री नीचे, भागलपुर में सामान्य चार डिग्री और पूर्णिया में पांच डिग्री सामान्य से कम दर्ज किया गया है.
पिछले दो दिनों में आंधी-पानी की चपेट में आने से उत्तर बिहार में तीन लोगों की मौत हो गई, जिसमें सीतामढ़ी, शिवहर में एक-एक और पश्चिम चंपारण के नरकटियागंज में एक व्यक्ति की जान चली गई. पूर्वी चम्पारण में तेज आंधी-बारिश के साथ कई जगह ओलावृष्टि हुई, इससे गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है.
गेहूं के साथ-साथ आम, लीची को भी काफी क्षति हुई है. पहाडपुर प्रखंड में भारी ओलावृष्टि तो हरसिद्धि, कल्याणपुर सहित अन्य प्रखंडों में के ओले गिरे. पश्चिम चम्पारण में आंधी-पानी के साथ जमकर ओलावृष्टि हुई.