12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बिहार में लू पहले 10 दिन चलती थी, अब 48 डिग्री के पार क्यों जाने लगा तापमान? जानिए नेचर बदलने की वजह…

Bihar Weather: बिहार में लू का नेचर अब बदल गया है. लू पहले औसतन 10 दिन तक चलती थी लेकिन अब अप्रैल में ही प्रचंड गर्मी पड़ने लगी है. एक्सपर्ट इसकी वजह बता रहे हैं.

राजदेव पांडेय, पटना
बिहार के 128 साल के मौसमी इतिहास में इस साल राज्य का सबसे गर्म स्थान औरंगाबाद हो गया है. यहां 29 मई को पारा 48.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. यह पारा दुनिया के सबसे गर्म स्थान संयुक्त राज्य अमेरिका के दक्षिणी कैलीफोर्निया स्थित ”डेथ वैली” में 10 जुलाई 1913 को दर्ज किये गये 56.7 डिग्री सेल्सियस से केवल 8.5 डिग्री सेल्सियस कम है. हालांकि, यह अंतर ज्यादा मायने नहीं रखता है. दरअसल, अमेरिका की डेथ वैली में उच्चतम तापमान होना कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन बिहार का औरंगाबाद तुलनात्मक रूप में बेहद घनी आबादी और वनस्पति वाला क्षेत्र है. अगर मौसम का यहा हाल रहा तो आने वाले वर्षों में बिहार का बड़ा हिस्सा धधकती भट्ठी बन जायेगा.

राज्य के कई जिले बने ‘हीट वैली’

बिहार में मौसम का हाल यह है कि राज्य के दक्षिण-पश्चिमी जिलों में राजस्थान के प्रचंड गर्मी वाले इलाकों की तुलना में ज्यादा गर्मी महसूस की जा रही है. बिहार का यह इलाका गर्मियों में पूरी तरह ”हीट वैली” में तब्दील हो गया है. इस साल बिहार का तीन चौथाई भाह खासकर जून में अब तक दो तिहाई भाग भयंकर लू की चपेट में है.

Also read: बिहार में लू से 7 और लोगों की मौत, किसी ने सड़क पर गिरकर दम तोड़ा तो कोई ट्रेन में हिट स्ट्रोक का बना शिकार

दक्षिण-पश्चिम बिहार के जिलों में रिकार्ड तोड़ तापमान

दक्षिण-पश्चिमी बिहार के औरंगाबाद, बक्सर,भोजपुर, नवादा, अरवल, शेखपुरा, जमुई, वैशाली, गया, जमुई, रोहतास के विक्रमगंज और डेहरी का तापमान इस साल चरम पर रहा. पिछले साल से ये क्षेत्र गर्मी की वजह से ही आइएमडी के रिकार्ड में आये हैं. यहां पिछले आठ जून से अब तक औसतन उच्चतम तापमान पारा 43 से 47 डिग्री सेल्सियस पार तक दर्ज किया जा रहा है. खास बात है कि दो साल पहले तक केवल गया ही वह क्षेत्र था, जो बिहार का सबसे अधिक गर्म स्थान माना जाता था. अब गया से भी अधिक गर्मी औरंगाबाद, बक्सर, भोजपुर,अरवल, शेखपुरा आदि जिलों पड़ रही है. यह वे इलाके हैं, जहां की गर्मियां और सर्दियां दोनों जीवन के लिए कठिन बन रही हैं.

इस बार लू का बदला नेचर

राज्य का दक्षिणी-पश्चिमी, दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पूर्व हिस्सा हिस्सा भयावह गर्मी की चपेट में है. इस बार यहां शुष्क लू से ज्यादा ह्यूमिड (नमी युक्त) लू दर्ज की गयी है. लू के संबंध में यह नयी मौसमी घटना है. इसे यूं भी कहा जा सकता है कि इस बार लू पुरवैया हवा में भी महसूस की गयी है. आइएमडी ने दक्षिण-पश्चिमी बिहार के इस हिस्से को लू के हिसाब से सर्वाधिक संकटग्रस्त क्षेत्र माना है.

पांच साल पहले औसतन 10 दिन चलती थी लू

पांच साल साल पहले बिहार में लू औसतन दस दिन चला करती थी. पिछले तीन साल से यह आंकड़ा काफी पीछे छूट गया है. इस साल अभी तक 33 दिन लू चली है. इसमें अप्रैल में 10 दिन, मई में 15 दिन और जून में अब तक आठ दिन से लू चल रही है. 16 दिन सीवियर हीट वेव (प्राणघातक लू) किसी न किसी जिले में जरूर चली है. बिहार में लू के नजरिये से यह साल सबसे अधिक चरम घटना वाला रहा है. उदाहरण के लिए इस बार अप्रैल और मई में लू के तीन-तीन दौर आये. जून में लगातार आठ दिन से लू का भयावह दौर जारी है. फिलहाल प्राणघातक लू का दायरा लगभग पूरे राज्य में है.

अप्रैल में ही 42 डिग्री के करीब गया पारा

इस साल बिहार में 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच पारा अप्रैल के प्रथम सप्ताह में ही दर्ज हो गया था. हीट वेव की स्थित औपचारिक रूप से अप्रैल मध्य में ही घोषित हो गयी थी.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट..

बिहार में लू का दौर अभूतपूर्व है. यह चेतावनी वाली स्थिति में है. ईंट,पत्थर और बालू की निर्माण संस्कृति ने गर्मी को असहनीय बना दिया है. हाइवे और सड़क बनाने के नाम पर पुराने पेड़ काट दिये गये. हरियाली छीन ली गयी. कांक्रीट के जंगल ने शहरों को कहीं अधिक गर्म किया है. इसकी वजह से सूरज से आने वाली ऊष्मा समुचित मात्रा में वातावरण में वापस नहीं जा पा रही है. सतही और भू जल घटने का भी पर्यावरण पर विपरीत असर पड़ा है. खुले क्षेत्र में भी कमी आयी है. इस तरह वह सारी चीजें जो वातावरण में गर्मी के प्रभाव को कम करती थीं, हम उन्हें खत्म करते जा रहे हैं. बड़े फलदार और छायादार वृक्ष लगाये बिना हम इस मुसीबत से मुक्ति नहीं पा सकते हैं. डॉ रास बिहारी सिंह, पूर्व कुलपति. पटना विश्वविद्यालय

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें