पटना. सावन की तरह भादो और अश्विन में भी कम बारिश के आसार हैं. इसके साथ ही दिन और रात की गर्मी भी बढ़ेगी. यह पूर्वानुमान आइएमडी का है. इसके मुताबिक मॉनसून बारिश के शेष दोनों महीनों अगस्त और सितंबर में मॉनसून की सक्रियता कमजोर बतायी गयी है. फिलहाल बिहार अभूतपूर्व सूखे की तरफ बढ़ रहा है. इससे धान जैसी फसल की सिंचाई मुश्किल होगी.
बिहार के अधिकतर हिस्से को तापमान के हिसाब से पीले और लाल रंग से दिखाया गया है. यह इस बात का प्रतीक है कि दिन और रात का तापमान सामान्य से बढ़ा हुआ ही रहेगा. मॉनसून की इस कमजोर के पीछे तमाम कारणों में सबसे बड़ा कारण है ला-नीना. इसकी वजह से मॉनसून की सक्रियता के लिए बनने वालों कम दबाव के केंद्रों में आयी कमी है.
-
बिहार में अब तक सामान्य से 33% कम 351 मिमी बारिश हुई. इस समय तक की सामान्य बारिश 522 मिमी है.
-
अररिया, मधुबनी, सुपौल, मुजफ्फरपुर में सामान्य बारिश और किशनगंज में सामान्य से अधिक है बारिश.
आइएमडी के पूर्वानुमान के आधार पर डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के वरिष्ठ कृषि-मौसम विज्ञानी डॉ ए सत्तार ने किसानों से आग्रह किया है कि अगर बिचड़ा है, तो केवल निचले इलाकों में उसे रोपें. वह भी कम समय में पकने वाले धान की किस्म का उपयोग करें. उचास वाले इलाकों में अरहर उचित रहेगी.
डॉ सत्तार के मुताबिक हो सके तो कुछ समय बाद तोड़िया सरसों की बोवनी करें. किसान को रबी की बोवनी समय पर करके खरीफ के नुकसान की भरपाई करनी होगी. अगर समुचित सिंचाई की सुविधा हो तो किसान को केवल खाने योग्य ही धान की खेती करनी होगी. किसानों का सामूहिक प्रबंधन ही उसकी खेती को जिंदा रख सकता है.