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Bihar Weather Forecast : शीतलहर की गिरफ्त में पूरा बिहार, आज कोल्ड डे के बन सकते हैं हालात

तेज उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट मे है. सोमवार की सुबह घनघोर कोहरे से हुई. तीन से चार जिलों में कोल्ड डे की स्थिति बनी.

पटना. तेज उत्तर-पश्चिमी हवाओं के चलते पूरा प्रदेश शीतलहर की चपेट मे है. सोमवार की सुबह घनघोर कोहरे से हुई. तीन से चार जिलों में कोल्ड डे की स्थिति बनी.

आइएमडी, पटना ने पूरे बिहार के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी कर रखा है. प्रदेश में सबसे कम न्यूनतम तापमान 4.2 डिग्री सेल्सियस गया में दर्ज किया गया है.

पूरे प्रदेश में न्यूनतम और अधिकतम तापमान सामान्य से काफी नीचे रहा. दिन के तापमान में सोमवार को भी एक से छह डिग्री सेल्सियस तक गिरावट दर्ज की गयी.

मंगलवार को पूरे प्रदेश में कोल्ड वेव और कोल्ड डे की स्थिति बनने का पूर्वानुमान जारी किया गया है. आइएमडी, पटना के मुताबिक पूरे प्रदेश में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या इससे कम दर्ज किया गया है.

गया और भागलपुर इलाके में भीषण शीतलहर महसूस हुई. पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, छपरा और फारबिसगंज और कुछ अन्य जिलों में यही स्थिति बनी. प्रदेश के सभी जिलों में लोगों ने जबरदस्त ठिठुरन महसूस की.

इस माह शीतलहर से मुक्ति नहीं

फिलहाल बिहार को पूरे दिसंबर में शीतलहर से मुक्ति नहीं मिलने जा रही है. आइएमडी के मुताबिक हिमालय के क्षेत्रों में हुई बर्फबारी के चलते और उत्तर पश्चिमी हवा के प्रभाव से पूरा प्रदेश लगातार ठिठुरता रहेगा. पूरे प्रदेश में अब लगातार घना कोहरा छाया रहेगा.

इधर रबी फसल के लिए वरदान : प्रति हेक्टेयर 4-5 लाख टन पहुंच सकता है बिहार में गेहूं उत्पादन प्रदेश में एक अरसे बाद ठंड की आदर्श स्थिति नवंबर से ही बनी हुई है. यह स्थिति रबी की फसलों विशेष रूप से गेहूं के लिए वरदान साबित हो सकती है.

अगर इसी तरह ठंड पड़ती रही और मार्च में सामान्य तापमान रहा तो प्रदेश में गेहूं के उत्पादकता प्रति हेक्टेयर 4-5 टन तक पहुंच सकती है.

दरअसल, अंकुरण से लेकर फूल-दाने आने तक के लिए इतनी ठंड उपयोगी है. प्रदेश में प्रति हेक्टेयर गेहूं का अभी उत्पादन अभी तीन टन के आसपास है.

डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के वरिष्ठ मौसम कृषि विज्ञानी डॉ ए सत्तार ने कहा कि इस साल पिछले सालों की तुलना में लंबे समय तक और रिकाॅर्ड तोड़ ठंड पड़ेगी. पश्चिमी विक्षोभ इस साल कुछ ज्यादा सक्रिय है.

हालांकि, अगर इसी तरह ठंड पड़ेगी तो यह फसल के लिए सर्वाधिक फायदेमंद है. गेहूं के प्रति हेक्टेयर में असाधारण इजाफा हो सकता है. दुधारू पशुओं को बचाने की जरूरत है.

Posted by Ashish Jha

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