Bihar Weather Forecast, Flood Updates: बढ़ रहा सरयू का जलस्तर, मर्माहत हुए किसान

Bihar Weather Forecast, Flood LIVE Updates: बिहार में बाढ़ का खतरा गहराता दिख रहा है. यहां की नौ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं. गंगा का पानी भी चढ़ने लगा है. कोसी विकराल लेती जा रही है. अगले दो दिनों तक कई नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका, जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इंजीनियरों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. वाल्‍मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सारण तटबंध पर दबाव बढ़ गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2020 9:14 PM

मुख्य बातें

Bihar Weather Forecast, Flood LIVE Updates: बिहार में बाढ़ का खतरा गहराता दिख रहा है. यहां की नौ नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं हैं. गंगा का पानी भी चढ़ने लगा है. कोसी विकराल लेती जा रही है. अगले दो दिनों तक कई नदियों के जल ग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश की आशंका, जल संसाधन मंत्री संजय झा ने इंजीनियरों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है. वाल्‍मीकि नगर बराज से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद गंडक नदी का जलस्तर बढ़ने से सारण तटबंध पर दबाव बढ़ गया है.

लाइव अपडेट

बढ़ रहा सरयू का जलस्तर, मर्माहत हुए किसान

सिवान के सिसवन प्रखंड क्षेत्र के जयीछपरा, सांईपुर, ग्यासपुर, सीवान, भागर होकर गुजरने वाली सरयू नदी अपने उफान के साथ किसानों पर कहर ढाह रही है. आपको बताते चले सरयू नदी के इन क्षेत्रों के दियारा इलाके में हर साल परवल की खेती की जाती हैं. जिसको बेचकर कर किसान लाखों रुपये कमाते हैं, लेकिन इस साल कोरोना के मार से मर्माहित किसानों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. समय से पहले हुए बरसात की शुरुआत से जहां परवल के खेती पर असर पड़ा. वहीं अब सरयू नदी में हो रही जल वृद्धि किसानों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है. बताते चलें कि सरयू नदी में लगातार जल वृद्धि के कारण परवल के खेत जल में समाहित हो रहे हैं. परवल की खेती करने वाले किसान बताते हैं कि हर साल बरसात शुरू होने से पहले परवल के खेती में लागत के साथ साथ मुनाफा आ जाता था जो इस बार नहीं हुआ इस इस करोना के चलते. वहीं, इस साल समय से पहले हुई बरसात और सरयू नदी में एकाएक हो रही जल वृद्धि के चलते हम किसानों को लाखों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है.

दहा नदी उफान पर, फसल बर्बाद होने से सहमे ग्रामीण

सीवान में लगातार हुई बारिश के बाद प्रखंड से होकर गुजरने वाली दहा नदी (बाण गंगा) के जल स्तर में वृद्धि होने से लोग चिंतित हैं. नदी का जलस्तर अब लोगों के खेतों में पहुंच रहा है. यह नदी गोपालगंज जिले के सासामूसा होते हुए सीवान शहर समेत प्रखंड के रेनुआ, टेढ़ीघट, सरेयां, हुसैनगंज, बघौनी, आंदर प्रखंड के कई गांवों से होकर गुजरते हुए सिसवन में जाकर सरयू नदी में मिल जाती है. जलस्तर में बढ़ोतरी से किसानों की मक्का की फसलें पानी में डूबने लगी हैं. इससे किसान चिंतित हैं. हुसैनगंज में पुल के पास नदी का जलस्तर कुछ ही मीटर रह गया है. स्पर्श होने में मात्र दो फिट शेष बच गया है. इससे किसान व आसपास के लोग चिंतित हैं.

गंडक नदी का डिस्चार्ज लेवल कम होने से गोपालगंज में कटाव का खतरा बढ़ा

गंडक नदी का डिस्चार्ज लेवल कम होने के कारण गोपालगंज में कटाव का खतरा बढ़ गया है. पिछले तीन दिनों में नदी में पानी का लेवल एक मीटर से अधिक कम हुआ है. जल संसाधन विभाग के मुताबिक शुक्रवार को बाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज लेवल घटकर 1.52 लाख तक पहुंचा. हालांकि दोपहर बाद बढ़कर 1.66 लाख क्यूसेक तक पहुंच गया. इधर, डीएम अरशद अजीज ने बाढ़ प्रभावित कुचायकोट, मांझा, सिधवलिया, बरौली, बैकुंठपुर व सदर प्रखंड के बीडीओ व सीओ को कटाव पर नजर रखने का निर्देश दिया है.

बाल्मीकिनगर बराज से डिस्चार्ज

8 बजे सुबह : 1.91 लाख क्यूसेक

2 बजे दोपहर : 1.52 लाख क्यूसेक

4 बजे शाम : 1.56 लाख क्यूसेक

6 बजे शम : 1.66 लाख क्यूसेक

यहां खतरे के निशान पर गंडक

विशंभरपुर- 90 सेमी ऊपर

पतहरा - 82 सेमी ऊपर

डुमरिया - 70 सेमी ऊपर

टंडसपुर - 70 सेंमी ऊपर

सारण तटबंध में रिसाव शुरू होने पर पहुंचे अधिकारी

गोपालगंज जिले के मांझा प्रखंड के भैसही गांव समीप सारण मुख्य बांध में दूसरे दिन भी रिसाव शुरू हो जाने से ग्रामीण दहशत में आ गये. ग्रामीणों ने रिसाव की सूचना पदाधिकारियों को दी. इसके बाद खुद इसे बंद करने में जुट गये. इसके बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर बाढ़ नियंत्रण विभाग की टीम ने ग्रामीणों के सहयोग से रिसाव पर काबू पा लिया. लेकिन, रात में फिर तटबंध में हल्का रिसाव शुरू हो गया. फिर से इसे बंद करने की कवायद शुरू हुई. बाद में एडीएम और सीओ शाहिद अख्तर ने बांध का निरीक्षण किया. हालांकि, इस दौरान सीओ ने बताया कि बांध पूरी तरह सुरक्षित है. रिसाव बंद है. उधर, जिला मुख्यालय से एडीएम कुमार अनिल सिन्हा ने तटबंध का जायजा लिया और अधिकारियों को कैंप करने का निर्देश दिया.

बेला-रिकाबगंज में सौरा नदी का कटाव तेज

पूर्णिया : जिले के कृत्यानंदनगर प्रखंड स्थित बेला रिकाबगंज पंचायत अन्तर्गत जोका जलमराय गांव में तीन दर्जन परिवार सौरा नदी के कटाव की चपेट में आ गये हैं. हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के जिलाध्यक्ष राजेन्द्र यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस गांव के तीन दर्जन से अधिक लोगों के घर नदी के गर्भ में विलीन हो गये हैं. श्री यादव ने कहा है कि कटाव की रफ्तार लगातार तेज हो रही है जिससे अगले चार-पांच दिनों के अंदर सौ से अधिक घरों के प्रभावित होने की आशंका है. श्री यादव ने बताया कि जोका जलमराय के करबोला घाट के डेढ़ दर्जन से अधिक परिवार, चारकदम घाट के आधा दर्जन से अधिक परिवार और जोका घाट शर्मा टोला के 01 दर्जन परिवार बेघर हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि नदी का कटाव तेजी से जारी है और फौरी तौर पर कटाव को रोके जाने की जरूरत है. कटाव की गति बरकरार रहने पर जल्द ही सैकड़ो घर सौरा में विलीन हो सकते हैं.

कुशीनगर के सांसद ने बराज का किया निरीक्षण

वाल्मीकिनगर. उत्तर प्रदेश कुशीनगर के सांसद विजय कुमार दुबे ने वाल्मीकिनगर स्थित गंडक बराज का निरीक्षण किया और गंडक बराज के अधिकारियों से जानकारी ली. वाल्मीकिनगर गंडक बराज पहुंचकर सिंचाई विभाग के अभियंताओं से कई बिंदुओं पर जानकारी प्राप्त की.

गंडक में कटाव से सैकड़ों एकड़ में लगी फसल नदी में विलीन

बगहा : गंडक नदी के जलस्तर में कमी होने के साथ ही सेमरा लबेदहा दियारा में कटाव शुरू हो गया है. किसानों का फसल कट कर नदी में विलीन होने लगी है. जिससे किसानों में मायूसी छाई है. सेमरा लबेदहा के कांटी, बलजोरा आदि दियारा में गन्ना, धान, मक्का व श्रीपतनगर सरेह में केला की फसल नदी में विलीन हो रही है. किसान पुनीत शुक्ला, अभिज्ञान शुक्ला, बलिराम चौधरी, नंदलाल चौधरी, सुरेश चौधरी, मदन शर्मा आदि ने बताया कि उनके सैकड़ों एकड़ फसल नदी में विलीन हो गयी है. वहीं दियारा में बने एक दर्जन घर भी नदी में विलिन हो गये हैं.

महज 36 घंटे में 36 मीटर का सुरक्षात्मक बांध

शिवहर : जिले को बाढ़ से बचाने के लिए प्रशासन सदैव सतर्क है. जिले में बाढ़ के खतरे को देखते हुए महज 36 घंटे में कटाव रोकने के लिए 36 मीटर का सुरक्षात्मक बांध तैयार किया गया है. जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने बेलवा पहुंचकर बांध का निरीक्षण कर निर्देश कुछ दिये हैं., इस बांध के बन जाने से शिवहर शहर में बाढ़ के पानी आने की आशंका काफी कम हुई है.

पताही व ढाका में हटा बाढ़ का पानी

मोतिहारी : नेपाल से निकलने वाली जान नदी, लालबकेया और बागमती नदी का पानी दो दिन पूर्व तक खेतों में फैला था. वह पूर्ववत स्थिति में आ गया है. जान नदी का पानी ढाका प्रखंड के हीरापुर, खरूआ, गुड़हरनवा, कुसमहवा, बहलोलपुर, खैरवा, करमवा आदि के गांवों में फैल गया था. लोगों में भय था कि धान की रोपनी बर्बाद हो जाएगी, लेकिन मौसम साफ होने के साथ पानी निचले इलाकों की ओर चला गया. फिलवक्त ढाका फुलवरिया घाट और कुसहवा, पचपकड़ी पथ तेज बहाव के कारण कई जगह टूट गया, जिससे आवागमन बाधित है.

डेंजर लेवल से मात्र 2.25 सेमी नीचे बह रही गंगा

मुंगेर: गंगा पूरे ऊफान पर है और संभावित बाढ़ की तरफ तेजी से बढ़ रही है. मुंगेर में गंगा का डेंजर लेवल 39.33 है. केंद्रीय जल आयोग ने जलस्तर का जो रिकार्ड दर्ज किया है. वह 37.08 मीटर पर पहुंच चुका है. जो डेंजर लेवल से मात्र 2.25 सेंटीमीटर कम है. बताया जा रहा है कि मुंगेर में प्रति घंटा 2 सेंटीमीटर की रफ्तार से गंगा का जलस्तर पर बढ़ रहा है.

दरभंगा जिले में बाढ़ की स्थिति में सुधार

दरभंगा : जिले में बाढ़ की स्थिति में सुधार आयी है. घनश्यामपुर के अंचलाधिकारी ने बताया कि पानी घट रहा है. वैसे अभी भी घनश्यामपुर, कुशेश्वरस्थान पूर्वी, किरतपुर और गौड़ाबौराम अंचलों के तटबंध के समीप वाले क्षेत्र में पानी है. अंचलाधिकारी दीनानाथ कुमार ने बताया कि उनके अंचल के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में 20 नाव चलवाये जा रहे हैं, जिनमें 8 सरकारी एवं 12 निजी नाव शामिल हैं. कनकी मुसहरी ग्राम में बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 2 चापाकल गड़वाया गया है. कनकी मुसहरी में मेडिकल टीम के द्वारा बाढ़ प्रभावित लोगों के स्वास्थ्य की जांच की गयी. साथ ही घनश्यामपुर में चार सामुदायिक रसोई चलाया जा रहा है.

गंगा के जलस्तर में लगातार हो रही है वृद्धि

परबत्ता. गंगा नदी इन दिनों उफान पर है. पिछले चार दिनों से लगातार गंगा के जलस्तर में हो रही बढोतरी ने लोगों की परेशानी बाढ़ दी है. जलस्तर में बढ़ाव के कारण बाढ़ का पानी लगातार गांव की ओर बढ़ता जा रहा है. जिससे ग्रामीण सहमे हुए हैं. गंगा का पानी खेतों में घुसना शुरू हो गया है. अब तक अगुवानी लगार आदी जगहों पर सैकड़ों एकड़ में लगा मक्का की फसल पानी में डूब गयी है. अगुवानी उपधारा से पानी ओवर फ्लो होकर छोटी धाराओं से होकर राका गांव के पास जीएन बांध की तलहटी में धीरे धीरे पहुंचने लगा है.

कोसी में उफान, गंडक के डिस्‍चार्ज में गिरावट

मधुबनी. कोसी और गंडक का डिस्चार्ज कम हुआ है. फिर भी कोसी विकराल बनी हुई है. कई जगह यह लाल निशान से काफी ऊपर बह रही है. बराह क्षेत्र में कोसी का डिस्चार्ज दो लाख घनसेक से घटकर सवा लाख घनसेक रह गया है, जबकि बराज के पास ढाई लाख से घटकर दो लाख घनसेक रह गया है. फिर भी सहरसा से भागलपुर तक कोसी चार स्थानों पर अब भी खतरनाक बनी हुई है. गंडक के डिस्चार्ज में भी गिरावट है.

मधुबनी के चानपुरा पश्चिम में सुरक्षा बांध टूटा

मधुबनी. जिले के चानपुरा पश्चिम में बाढ़ के पानी ने फाटक के निकट सुरक्षा बांध को तोड़ दिया है. चानपुरा बररी सड़क पर संपर्क भंग हो गया है. उच्चैठ मलहामोड़ के निकट डायवर्सन पर बाढ़ का पानी बहने से यातायात ठप हो गया है. बाढ़ के पानी ने माधोपुर विशनपुर गांव के निकट पचास फीट में सड़क को तोड़कर क्षतिग्रस्त कर दिया है. फुलवरिया गांव के निकट सड़क टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया। यहां बाढ़ का पानी बह रहा है.

बाढ़ग्रस्त जिलों में बनी को-ऑर्डिनेशन टीम

पटना. बाढ़ की आशंका को देखते हुए आपदा विभाग ने जवानों को विशेष ट्रेनिंग दी है. बीमार को रेस्क्यू करते समय सुरक्षा का ध्यान रखने की जानकारी भी दी गयी है. वहीं, चिकित्सकों को जवानों के साथ भी को-ऑर्डिनेशन टीम बनाकर जोड़ा गया है. उन्हें यह बताया गया कि जब कोई बीमार व्यक्ति को रेस्क्यू किया जाये, तो उन्हें सबसे पहले क्या करना है. इसको लेकर माइक्रो प्लान तैयार की गयी है. बाढ़ के दौरान खोज एवं बचाव काम में और ड्रोन का उपयोग किया जायेगा.

बूढ़ी गंडक और गंगा के जल स्तर में भी बढ़ोतरी

पटना. कोसी, गंडक, बागमती, कमला बलान, अधवारा, खिरोई, महानंदा और घाघरा नदियां गुरुवार को भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं. वहीं बूढ़ी गंडक और गंगा नदियों के जल स्तर में बढ़ोतरी जारी है. जल संसाधन विभाग ने सभी तटबंधों के सुरक्षित होने का दावा किया है. इधर, गंगा नदी का जल स्तर पटना के गांधी घाट पर 47.44 मीटर था, जिसमें 11 सेंटीमीटर की बढ़ोतरी हुई है.

मुजफ्फरपुर में बागमती तटबंध में कटाव

मुजफ्फरपुर के कटरा प्रखंड के पतारी गांव में बागमती तटबंध में कटाव जारी है. सीतामढ़ी शहर के पांच दर्जन से अधिक मोहल्लों में लखनदेई का पानी फैला है. दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान में स्थिति यथावत है.

मधुबनी में सुरक्षा बांध टूटा

वर्षा नहीं होने के कारण पूर्वी चंपारण में बाढ़ की स्थिति सुधरने लगी है, लेकिन मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के कोसी तटबंध के बीच बसे गांवों की स्थिति काफी खराब है. बेनीपट्टी प्रखंड के चानपुरा में सुरक्षा बांध टूट गया है. इससे कई गांवों पानी तेजी से फैलने लगा है.

एप्रोच रोड टूटने के मामले की होगी जांच

पटना : पथ निर्माण विभाग ने कहा कि सत्तर घाट पुल पूरी तरह से सुरक्षित है. विभाग ने कहा है कि पानी का दबाव कम होते ही इस पर यातायात चालू कर दिया जायेगा. एप्रोच रोड का निर्माण करने वाली एजेंसी को इसे ठीक करने की जिम्मेदारी दी गयी है. मामले की जांच की जायेगी.

सहरसा, कटिहार व मधेपुरा में कई गांव आये चपेट में

सहरसा. सहरसा जिले के बनमा ईटहरी प्रखंड में बाढ़ का पानी फैल गया है़ प्रखंड मुख्यालय का एनएच 107 से संपर्क टूट गया़ सड़क पर दो फुट पानी बह रहा है. वहीं, कटिहार जिले के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है. मधेपुरा के ग्वालपाड़ा प्रखंड क्षेत्र की बीरगांव चतरा, टेमाभेला, सुखासन, शाहपुर, ग्वालपाड़ा, झलारी व सरोनी पंचायतों में पानी भर गया है. साथ ही एनएच 106 पर दबाव काफी बढ़ गया है. एनएच 106 पर कभी भी पानी चढ़ सकता है.

मुजफ्फरपुर में लोगों ने बागमती बांध पर शरण ली

मुजफ्फरपुर में बागमती नदी के जलस्तर में एक फीट की कमी आई है लेकिन बाढ़ का कहर जारी है. करीब 500 परिवारों ने बागमती बांध पर मवेशियों के साथ शरण ली है. पावर स्टेशन में बाढ़ का पानी भरने से नदी के आसपास के इलाकों में बिजली बंद हो गयी है. लोगों को बाहर निकालने के लिये प्रशासन ने नाव का इंतजाम किया है.

सीतामढ़ी में बाढ से गन्ने की फसल बर्बाद

सीतामढ़ी जिले में सैकड़ों एकड़ की गन्ना और मकई की फसल बाढ़ में बर्बाद हो गई है. यहां दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस आया है. लोगों ने जान बचाने के लिए ऊंचाई वाले स्थानों पर शरण ली है.

गोपालगंज के नये इलाकों में पानी घुसा

बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी के किनारे बसे 3 दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं. दर्जनों घर जलमग्न हैं. आने-जाने के लिए अब नाव का ही सहारा बचा है.

एनएच-31 के किनारे कटाव जारी

बिहार के कई इलाकों में मूसलाधार बारिश और नेपाल से आ रही नदियों में उफान की वजह से हाहाकार मचा हुआ है. नेपाल के तराई वाले इलाकों में भारी बारिश से फारबिसगंज, जोकीहाट, सिकटी और पलासी के भी निचले इलाकों में बाढ़ का पानी भर गया है. मधेपुरा में कोसी नदी का पानी आसपास के इलाकों में घुस गया है. ग्रामीण बाढ़ के बीच से किसी तरह खुद को बचाने में लगे हुए हैं. कटिहार में कोसी नदी ने एनएच-31 पर अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू कर दिया है. नदी के तेज बहाव की वजह से हाईवे के किनारे कटाव हो रहा है और लोग दहशत में हैं. लाखों लोग बाढ़ की तबाही झेल रहे हैं.

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