Bihar Weather Forecast : कल से दक्षिण बिहार में लू चलने की आशंका, पूर्वी बिहार में आंधी-पानी के आसार
इस साल बिहार से पश्चिमी विक्षोभ रुठा हुआ है. मार्च में अपवादस्वरूप एक बार इसके प्रभाव से हल्की बारिश हुई. लिहाजा पिछले साल मार्च की तुलना में प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान तीन डिग्री अधिक दर्ज किया गया.
पटना. इस साल बिहार से पश्चिमी विक्षोभ रुठा हुआ है. मार्च में अपवादस्वरूप एक बार इसके प्रभाव से हल्की बारिश हुई. लिहाजा पिछले साल मार्च की तुलना में प्रदेश का औसत अधिकतम तापमान तीन डिग्री अधिक दर्ज किया गया.
वर्तमान मौसमी दशा के आधार पर किये गये आकलन के मुताबिक अप्रैल में भी औसत अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री तक अधिक 37-40 डिग्री रहने के आसार हैं. बिहार के दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिण-मध्य भाग में 36 घंटे बाद मध्यम स्तर की लू की स्थिति बनने की आशंका है.
वहीं, बंगाल की खाड़ी में भी हलचल है. इस वजह से चार अप्रैल को पूर्वी बिहार सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा और पूर्णिया में कुछ एक जगहों पर आंधी-पानी का अनुमान है.
बारिश की फुहारें तापमान को रखती थीं नियंत्रित
आइएमडी, पटना के आकलन के मुताबिक पिछले साल मार्च में पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता तीन बार थी. इस दौरान बारिश की फुहारें तापमान को नियंत्रित रखती थीं. इस बार मार्च में पश्चिमी विक्षोभ आंशिक तौर पर केवल एक बार ही सक्रिय दिखा. वह भी काफी कमजोर रहा.
यह दशा पूरे उत्तरी भारत के मैदानी इलाके में दर्ज की गयी. लिहाजा इस साल मार्च सर्वाधिक गर्म रहा. उल्लेखनीय है कि इस बार 10 साल बाद मार्च का सबसे अधिक तापमान गया में 41.4 डिग्री सेल्सियस 30 तारीख को दर्ज किया गया था. इससे पहले इतना तापमान केवल मार्च 2010 में दर्ज किया गया था.
राजस्थान से चली शक्तिशाली पछिया हवा
दरअसल, राजस्थान से इस बार शक्तिशाली पछिया हवा चली. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस बार 15 मार्च के बाद अधिकतम 18 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पछिया हवा चली. पिछले समय में हवा की रफ्तार लगातार इतनी नहीं रही थी.
मौसमी कठिन परिस्थितियां तब और कठिन हो गयीं, जब हवा में नमी की मात्रा न्यूनतम स्तर पर पहुंच गयी. राहत की बात यह रही कि उत्तरी बिहार में इसी समयावधि में बंगाल की खाड़ी से आने वाली पुरवैया हवा भी चली. इससे उत्तरी बिहार तपने से बच गया.
Posted by Ashish Jha