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Bihar Weather News: बिहार में बदला मौसम का मिजाज, मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में बारिश के आसार

पिछले दो-तीन दिनों से तापमान में काफी उतार-चढ़ाव दिखा है. सुबह आसमान में बादल दिख रहा है. वहीं दिन में कड़ी धूप निकल रही है. अप्रैल के शुरुआत में ही अधिकतम तापमान 35 से 37 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया है.

उत्तर बिहार में अगले 48 घंटे में मौसम में बदलाव के आसार हैं. सुबह आसमान में बादल दिख रहा है. वहीं दिन में कड़ी धूप निकल रही है. अप्रैल के शुरुआत में ही अधिकतम तापमान 35 से 37 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया है. पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों में हल्की बारिश या बूंदाबांदी की संभावना है. बारिश के दौरान 15 से 20 किलोमीटर की रफ्तार से हवा चल सकती है. कहीं-कहीं ओलावृष्टि की भी संभावना है. इस दौरान आसमान में बादल छाये रहने और पूरबा हवा चलने के आसार हैं.

क्या कहते है चिकित्सक

छपरा सदर अस्पताल व अन्य प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों व निजी अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ी है. अस्पतालों में सर्दी, खांसी, बुखार, ब्लड प्रेशर, थाइराइड आदि बीमारियों से ग्रस्त मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. अप्रैल की भीषण गर्मी ने लोगों को असहज दिया है. पेट में दर्द व उलटी की शिकायतें भी मिल रही है. चिकित्सक डॉ राजेश रंजन ने बताया कि गर्मी की में प्रवेश करने का मौसम है. ऐसे मौसम में काफी सतर्कता बरतनी चाहिए. बुखार व सर में दर्द की समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए.

परेशानी में हैं स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्र

स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों को भी सुबह और दोपहर में मौसम में आ रहे बदलाव के कारण परेशानी हो रही है. सुबह आठ बजे जब बच्चे स्कूल जा रहे हैं तो मौसम सामान्य रह रहा है. वहीं दोपहर में स्कूल से लौटते समय तेज धूप पसीने छुड़ा दे रही है. गर्मी शुरू होते ही बाजारों में शीतल पेय पदार्थ, कोल्डड्रिंक, खीरा, सत्तू, आइसक्रीम आदि की बिक्री बढ़ गयी है. लस्सी और सत्तू के दुकानों पर दिन के भीड़ दिख रही है. लोग गर्मी से राहत पाने के लिये ठंडे पेय पदार्थ का सेवन कर रहे हैं.

फसल प्रबंधन का बिगड़ा गणित

तापमान बढ़ने से रबी की फसलों पर विपरीत असर पड़ने लगा है. वहीं गेहूं की फसल पर ज्यादा असर देखने को मिल रहा है. खेतों की नमी में लगातार कमी आने से पानी बार-बार देना पड़ रहा है. सब्जियों को भी ज्यादा नुकसान हो सकता है. इससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है. तापमान में बढ़ोतरी से हरी प्याज की फसल में कीट लगने के कारण किसानों की परेशानी बढ़ गयी है. कीटनाशक के छिड़काव का भी खर्चा बढ़ गया है. वहीं पिछात मूली, गाजर, मेथी, पालक व अन्य सब्जियों में नुकसान दर्ज किया जा रहा है. इस बार मध्य मार्च से ही तापमान में निरंतर बढ़ोतरी हो रही है. दोपहर में गर्म हवा चल रही हैं. सूरज से तीखे तेवर से भी लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं. सुबह-शाम की हल्की ठंड और दोपहर को भीषण गर्मी ने फसल प्रबंधन का गणित बिगाड़ दिया है.

फल व सब्जियों की कीमत पर भी असर

गर्मी की कारण फल व सब्जियो की कीमत में भी बढ़ोतरी हुई है. सेब, संतरा अंगूर की कीमत विगत एक सप्ताह में बढ़ी है. थोक व्यापारियों का कहना है कि चैत्र नवरात्र को लेकर भी फलों की कीमत में इजाफा हुआ है. हरी साग सब्जियों की कीमत भी विगत एक सप्ताह में 20 प्रतिशत तक अधिक हुई है. कड़ी धूप के कारण थोक मंडियों में खरीदारों की संख्या भी घटी है. जिस कारण व्यपारियों को भी कई स्तर पर परेशानी झेलनी पड़ रही है. गर्मी के बढ़ते प्रकोप के चलते लोग लंबी दूरी की यात्राएं भी रद्द कर रहे हैं. छपरा से विभिन्न गंतव्यों तक जाने वाली बस सेवाओं पर भी इसका असर देखने को मिला है.

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