गया: हीटवेव का कहर यहां कमने का नाम नहीं ले रहा है. रविवार की देर शाम तक हीटवेव वार्ड में 38 मरीजों का इलाज किया जा रहा था. अस्पताल से जारी बुलेटिन के अनुसार, एक मरीज की मौत हुई है. लेकिन, इस मौत को अस्पताल की ओर से कारण अन्य बीमारी बताया गया है. मगध मेडिकल में हीटवेव वार्ड तक पहुंचने के लिए मरीजों को काफी हाथ पैर मारना पड़ रहा है. रविवार को अस्पताल के इमरजेंसी में ही कई मरीज के परिजन बाहर से खरीद कर ठंडा पानी लाकर पीड़ित का देह पोछ रहे थे. एक परिजन ने बताया कि बार-बार ठंडा पानी खरीद कर यहां लाना पड़ रहा है. इमरजेंसी में आये कई घंटे गुजर जाने के बाद भी हीटवेव वार्ड में नहीं भेजा गया है. सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है कि एंबुलेंस से धीरे-धीरे सभी मरीजों को वहां भेजा जा रहा है.
बाहर से हीटवेव के मरीज के आने का सिलसिला जारी है, तो मेडिसिन वार्ड के तीनों तल्ले से कई मरीज यहां गर्मी की चपेट में आकर इमरजेंसी में पहुंच गये हैं. इमरजेंसी में जगह नहीं होने के कारण इनका इलाज स्ट्रेचर पर डॉक्टर जान बचाने के लिए शुरू कर दे रहे हैं.अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, बार-बार अधिकारी के निर्देश के बाद भी सर्जरी व मेडिसिन वार्डों में कूलर की व्यवस्था नहीं की गयी. इसका परिणाम यह है कि दूसरे बीमारी के इलाज के लिए भर्ती मरीज गर्मी के चपेट में आकर बुखार का शिकार हो रहे हैं. वार्ड से परिजन ही मरीज को लेकर इमरजेंसी वार्ड में पहुंच रहें हैं.
Also Read: गया मौसम: इस मौसम का सबसे गर्म दिन रहा संडे, 44.5 डिग्री पहुंचा तापमान
परिजनों ने बताया कि मेडिसिन व सर्जरी वार्ड के ऊपरी तल्ले पर सबसे अधिक गर्मी है. ऐसे तीनों तल्ले पर वार्ड में गर्मी बहुत है. यहां पंखा से भी आग जैसी हवा निकल रही है. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल ने कहा कि रविवार को वे कई घंटों तक अस्पताल में रहकर व्यवस्था को व्यवस्थित किया है. ऐसे भीड़ अधिक होने पर थोड़ी बहुत परेशानी हर जगह होती है. कोशिश की जा रही है कि हीटवेव के मरीज को तुरंत ही इमरजेंसी से डेडिकेटेड वार्ड में भेज दिया जाये. वहां जगह व बेड की कोई कमी नहीं है. उन्होंने बताया कि वार्ड से मरीज के इमरजेंसी पहुंचने पर तुरंत ही इलाज की सुविधा दी जा रही है. सारी रिपोर्ट समय-समय पर जिला प्रशासन को उपलब्ध कराया जा रहा है.