Bihar Weather: राज्य में इस बार काफी तेज गर्मी पड़ने वाली है. संभावना है कि इस बार गर्मी के कई रिकार्ड टूटने वाले हैं. बताया जा रहा है कि हवा के उच्च दाब ने पूरे बिहार विशेषकर पटना और पूर्णिया को हीट जोन में तब्दील कर दिया है. दरअसल, फरवरी में पड़ रही गर्मी को मौसम विज्ञानी असहज करने वाली घटना मान रहे हैं. पटना में अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री और न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक है, जबकि पूर्णिया में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री और न्यूनतम तापमान सामान्य से पांच डिग्री अधिक है. कमोबेश यही स्थिति भागलपुर शहर में में दर्ज की गयी है. फिलहाल बिहार में उच्च दाब का केंद्र बना हुआ है. बढ़ी हुई गर्मी की यही मुख्य वजह है. दरअसल उच्च दाब की दशा में हवा का दबाव नीचे की तरफ होता है. इससे धरती की सतह पर प्रकाश की किरणें रेडिएशन के रूप में परावर्तित होकर समुचित मात्रा में वापस वायुमंडल में लौट नहीं पा रही हैं.
चूंकि धरातल ठंडा होता है. रेडिएशन के साथ सतह की ठंडी हवा ऊपर उठ कर वातावरण को भी ठंडा कर देती है. यह कवायद उच्च दाब की वजह से अभी नहीं हो पा रही है. इसलिए बिहार फरवरी में अप्रत्याशित गर्मी का सामना कर रहा है. पूरे प्रदेश में अधिकतम तापमान 30 डिग्री से ऊपर ही है.अगले कुछ दिन ऐसी स्थिति अभी और बने रहने का पूर्वानुमान है.
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पूर्वानुमान के अनुसार तापमान तेजी से बढ़ रहा है. बुधवार को अधिकतम तापमान सामान्य से 3.8 डिग्री अधिक रहा. दिन में धूप में लोगों को तेज गर्मी का अहसास करा रहा था. महज 24 घंटे में 29 से 31 डिग्री के पार अधिकत तापमान पहुंच गया. मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 31.2 डिग्री व न्यूनतम 14.2 डिग्री दर्ज किया गया है. जबकि एक दिन पहले मंगलवार को अधिकतम तापमान 29.4 डिग्री था. विभाग की ओर से दिनों-दिन तापमान में वृद्धि की संभावना जतायी गयी है.
तापमान में बढ़ोतरी से सबसे अधिक प्याज की फसल को लेकर वैज्ञानिकों की ओर से अलर्ट किया गया है. प्याज की फसल में थ्रिप्स कीट का प्रकोप बढ़ने लगता है. बताया गया है कि तापमान में बढ़ोतरी के साथ-साथ फसल में इस कीट की सक्रियता में वृद्धि होती है. यह आकार में काफी छोटा होता है, जो पत्तियों में चिपक कर उसे टेढ़ा-मेढ़ा कर देता है. इस कीट की वजह से प्याज की उपज में भी कमी आती है. इससे बचाव को लेकर प्रोफेनोफॉस 50 इ.सी. दवा का 1.0 मि.ली प्रति लीटर पानी या इम्डिाक्लोप्रिड दवा 1.0 मि.ली प्रति 4 लीटर पानी की दर से घोल कर छिड़काव करने की सलाह दी गयी है.