बिहार में पिछले कुछ दिनों से फिर एकबार भीषण गर्मी पड़ रही है. तेज धूप, भीषण गर्मी व उमस में बढ़ोतरी का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा.गर्म पछिया हवा चलने से कई जिलों में हीटवेव के हालात बने रहे. कई जिलों में अधिकतम तापमान अब 42 डिग्री के पार रहे. सुबह नौ बजे के बाद ही चिलचिलाती धूप से लोगों का सामना हुआ. दोपहर होते-होते आसमान से अंगारे बरसने लगे. लोग जरुरी कामों से ही बाहर निकल रहे हैं. घरों की छत पर रखी पानी की टंकियां तक गरम हो रही हैं.
मौसम विभाग की ओर से जानकारी दी गयी कि दो से छह जून तक जिले में आसमान साफ रहेगा. अभी बारिश के हालात नहीं हैं. इस दौरान शुष्क व गर्म पश्चिमी हवा चलने की संभावना है. बता दें कि अभी शाम ढ़लने के बाद भी कहीं राहत नहीं मिल रही है.वहीं डॉक्टर इस मौसम में खास तौर पर सतर्क रहने की सलाह देते हैं.
डॉक्टरों ने बताया कि लोगों के शरीर में नमक व ग्लूकोज की कमी हो रही है. ओआरएस घोल का सेवन करें. धूप में बाहर न निकलें.लगातार बढ़ता तापमान व हीट वेब लोगों की सेहत को प्रभावित करने लगा है. बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी आयु वर्ग के लोग मौसम जनित बीमारियों के शिकार हो रहे हैं.अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीज की संख्या में लगातार इजाफा देखा जा रहा है.
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गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी के कमी की समस्या बेहद आम है. समय रहते इसका सही उपचार नहीं होने से इसके कारण स्वास्थ्य संबंधी कई समस्या खड़ी हो सकता है. वहीं सूरज की तेज रोशनी व गर्मी के कारण आंखों में एलर्जी, लालिमा, जलन व चुभन जैसी दिक्कतें देखी जा रही है. डॉक्टर बताते हैं कि डिहाइड्रेशन के कारण कमजोरी, थकान, रक्तचाप व बुखार जैसी दिक्कतों को सामना करना पड़ सकता है. नियमित अंतराल पर पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ पेयजल का सेवन इससे बचाव के लिए जरूरी है. वहीं धूप चश्मा का इस्तेमाल व आंखों की सफाई का ध्यान रखकर एलर्जी से बचा जा सकता है.
गर्मी के कारण शरीर का तामपान काफी बढ़ जाता है. गर्मी के दिनों में खुले शरीर, नंगे सर व पांव धूप में चलना, कूलर व एसी से तुरंत धूप में निकलना, गर्म खाद्य पदार्थ का इस्तेमाल.. ये सब हमारे सेहत को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है. खाली पेट व प्यासे रहकर तेज धूप में घर से बाहर निकलना खतरनाक हो सकता है. इसलिए घर से बाहर निकलने वक्त हल्का व सुपाच्य भोजन व ठंडा पानी का सेवन जरूरी है.
घर से बाहर निकलते वक्त आंख का चश्म व सूती व ढीले ढ़ाले कपड़ों का इस्तेमाल हमारे स्वास्थ्य के लिये जरूरी है. दैनिक खान-पान में मौसमी फल संतरा, आम, खीरा, पालक, पुदीना, नींबू, तरबूज का इस्तेमाल अधिक करना चाहिए. नियमित अंतराल पर पानी का सेवन करते रहना चाहिए. छोटे उम्र के बच्चों में इस मौसम में डायरिया का खतरा बढ़ जाता है. सतर्क रहना जरुरी है.