पटना. उत्तरी बिहार में अगले चार दिन (6 मई) तक आंधी-पानी के आसार बने हुए हैं. कई जगहों पर ठनका गिरने की भी आशंका है. प्रदेश में उच्चतम और न्यूनतम तापमान सामान्य से इससे नीचे हैं. पूरे प्रदेश में उच्चतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे है. आइएमडी ने प्रदेश में 40 से 60 किलोमीटर प्रति घंटे तक पुरवैया बहने का पूर्वानुमान भी जारी किया गया है.
मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बिहार के मौसम में आये इस बदलाव की सबसे बड़ी वजह से स्थानीय स्तर पर थंडरस्टोर्म (आंधी-पानी ) की स्थिति बनना है. इसकी वजह औसत से अधिक तापमान और पुरवैया के जरिये नमी की आपूर्ति है. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक थंडर स्टोर्म विकसित करने में दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे बिहार के निकटवर्ती इलाकों में चक्रवातीय दबाव और बिहार से गुजर रही ट्रफ लाइन भी मददगार साबित हो रही है.
दरअसल अप्रैल में जबरदस्त गर्मी पड़ने की वजह से स्थानीय दशाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं. इसकी चपेट में विशेष रूप से उत्तरी बिहार है. दक्षिणी बिहार में इसके प्रभाव से पुरवैया ने पारा तो गिराया है,लेकिन बारिश नहीं हो रही है. पटना में लगभग पूरे जिले में उच्चतम पारा सामान्य या इससे नीचे है.
गया, पूर्णिया, भागलपुर में पारा सामान्य से दो डिग्री नीचे और उत्तरी बिहार के अधिकतर इलाकों में पारा तीन से पांच डिग्री नीचे दर्ज किया गया है. मौसमी उतार-चढ़ाव में बुरी तरह प्रभावित उत्तरी बिहार में सर्वाधिक प्रभावित चंपारण का क्षेत्र हुआ है. जहां लगातार आंधी-पानी की स्थिति बनी हुई है.
मुजफ्फरपुर मेंअगले दो तीन दिनों तक गर्मी से राहत मिलने की उम्मीद हैं. आसमान में बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश भी हो सकती है. सीतामढ़ी, पूर्वी तथा पश्चिमी चंपारण के जिलों में हल्की से मध्यम वर्षा हो सकती है.वर्षा के समय हवा की गति तेज रहेगी. अधिकतम तापमान में गिरावट आ सकता है. तापमान 34-35 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है. न्यूनतम तापमान 22-24 डिग्री सेल्सियस के आस-पास रहने की संभावना है.
सोमवार को अधिकतम पारा 34 और न्यूनतम 21.3 डिग्री दर्ज किया गया. वही, आर्द्रता सुबह में 85 प्रतिशत तथा दोपहर में 49 प्रतिशत रहा. पूर्वानुमानित अवधि में औसतन 20 से 25 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से पुरवा हवा चलने का अनुमान है.
हल्की बूंदाबांदी तथा कुछ स्थानों पर मध्यम वर्षा की संभावना को देखते हुए कृषि कार्य में सतर्कता बरतने की आवश्यकता है. गेहूं अरहर, मक्का की कटनी तथा सुखाने का काम सावधानी पूर्वक करने की सलाह है. कटे हुए गेहूं की दौनी कर सुरक्षित स्थान पर भंडारित कर लें.