पटना. बिहार लगातार मौसमी बदलाव झेल रहा है. दिसंबर के अंतिम पखवारे में अगहन में पूस जैसी कंपा देने वाली शीतलहर चली और अब पूस में फागुन जैसी गर्मी ने लोगों को बेचैन कर दिया है.
दरअसल, पश्चिमी विक्षोभ की दस्तक बिहार तक नहीं आने से ठंड गायब है. मौसमी बदलाव का सबसे बड़ा संकेत चौड़ी पत्ती वाले पेड़ों के पत्तों का झड़ना है. यह दौर अभी दो से तीन दिन और चलेगा.
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ बिहार की सर्दी का मास्टर चाबी है. यह विशेष तथ्य है कि यह विक्षोभ कश्मीर से उत्तर भारत में सिर्फ पटना तक पहुंचता है.
इस वजह से बिहार में सर्दी पड़ती है. लेकिन, फिलहाल पश्चिमी विक्षोभ की बेरुखी ने मौसम संबंधी तमाम पूर्वानुमान पर पानी फेर दिया है.
आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 10 दिनों में न्यूनतम तापमान और अधिकतम तापमान इस मौसम के लिहाज से चरम पर है.
डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विवि, पूसा के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ ए सत्तार ने कहा कि पश्चिमी विक्षोभ का रूठना बिहार के लिए सिरदर्द है.
जब तक विक्षोभ नहीं आयेगा तब तक बिहार में सर्दी नहीं पड़ेगी. फिलहाल दो से तीन दिन तक विक्षोभ के दस्तक देने की कोई संभावना नहीं है.
Posted by Ashish Jha