Bihar Weather : उफान पर नदियां, 23 दिनों में 75 स्थानों पर हुई आफत की बारिश

नदियों में उफान की एक वजह उसके जल अधिग्रहण क्षेत्र में अप्रत्याशित अति-वृष्टि है. प्रदेश में मॉनसून को आये ठीक 60 दिन पूरे हो चुके हैं. इस दौरान 75 स्थानों पर विशेष रूप से 23 दिनों में ही 100 से 280 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गयी है. यानी भारी से भारी बारिश.

By Prabhat Khabar News Desk | August 14, 2021 10:32 AM

राजदेव पांडेय, पटना . नदियों में उफान की एक वजह उसके जल अधिग्रहण क्षेत्र में अप्रत्याशित अति-वृष्टि है. प्रदेश में मॉनसून को आये ठीक 60 दिन पूरे हो चुके हैं. इस दौरान 75 स्थानों पर विशेष रूप से 23 दिनों में ही 100 से 280 मिलीमीटर तक बारिश दर्ज की गयी है. यानी भारी से भारी बारिश.

मॉनसून के आगाज से अब तक 125 स्थानों पर भारी बारिश यानी 64.5 से 99 मिलीमीटर तक दर्ज की गयी. प्रदेश में अभी तक हुई बारिश की 70 फीसदी से अधिक बारिश केवल भारी से अति भारी बारिश से हुई है. यह सामान्य ट्रेंड के उलट है. पिछले तीन वर्षों में यह ट्रेंड मजबूती से स्थापित हुआ है.

बारिश में चार से पांच गुना इजाफा : दरअसल, मौसम विज्ञान विभाग का मानना है कि प्रदेश क्लाइमेट चेंज की जद में है. भारी बारिश का ट्रेंड समूची गंगा नदी बेसिन में दिख रहा है.

एक-दो बार सामान्य से कम बारिश

बिहार के संदर्भ में विशेष तथ्य यह है कि यहां मध्यम बारिश भारी बारिश में और भारी बारिश अति-वृष्टि में तब्दील हो गयी है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक बिहार में बारिश के ट्रेंड में आमूल बदलाव हो चुका है. 2000 से पहले तक बिहार में बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक ही रहा करती थी. हालांकि एक-दो बार बारिश सामान्य से कम भी हुई.

विशेष तथ्य

साल बारिश (% में )

  • 2010 790 (-23)

  • 2011 1059 (3)

  • 2012 815 (-21)

  • 2013 722 (-30)

  • 2014 840 (-18)

  • 2015 744.7 (-27)

  • 2016 939.9 (-3)

  • 2017 936.8 (-9)

  • 2018 770.8 (-25)

  • 2019 1049.4 (3)

  • 2020 1272 (25)

बारिश के दिनों की संख्या अप्रत्याशित बढ़ी

आइएमडी पटना के क्षेत्रीय निदेशक ने कहा कि विवेक कुमार सिन्हा ने कहा कि बिहार में क्लाइमेट चेंज के चलते पिछले कुछ सालों से भारी बारिश के दिनों की संख्या अप्रत्याशित तौर पर बढ़ी है. इस वजह से नदियां अचानक उफान पर देखी जा रही हैं. वहीं बरसात में कम और अधिक बारिश का ट्रेंड भी तेजी से बदला है.

Posted by Ashish Jha

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