पटना. यास तूफान जाते-जाते प्रदेश के वातावरण में जबर्दस्त नमी छोड़ गया है. इसके चलते पूरा प्रदेश तीन दिनों से थंडरस्टॉर्म (आंधी-पानी) की गिरफ्त में है. यास की वजह से प्रदेश के वातावरण में औसतन 86 से 90% तक नमी है, जबकि सामान्य तौर पर इस समय में नमी की मात्रा 40% के आसपास ही रहा करती है.
फिलहाल जैसे ही दिन का तापमान बढ़ता है, वैसे ही नमी और तापमान आदि की परिस्थितियों के चलते थंडरस्टॉर्म बन रहे हैं. मंगलवार को पटना सहित 20 से अधिक जिलों में 40 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ अच्छी-खासी बारिश हुई. इस दौरान जबरदस्त रूप से वज्रपात भी हुआ. पटना में अचानक जारी की गयी चेतावनी के 40 मिनट के अंदर तेज हवा के साथ तेज बारिश हुई.
स्थानीय मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, सुबह से ही चमकदार धूप खिली. तापमान 35 से 40 डिग्री के बीच पहुंचा. नमीयुक्त गर्म हवा आसमान में बर्फ के रूप में उड़ रहे बादलों से मिली. यही हवा ठंडी क्यूम्यलोनिम्बस बादल बनाती है, जिसकी वजह से थंडरस्टॉर्म (आंधी-पानी) बनते हैं. यह समूची गतिविधियां स्थानीय या क्षेत्रीय तूफान, तापमान, नमी की मात्रा आदि से प्रभावित होती है.
फिलहाल थंडरस्टॉर्म के लिए अनुकूल परिस्थितियां राज्य के विभिन्न हिस्सों में बनी हुई हैं. मौसम विज्ञानियों के मुताबिक, इस तरह की मौसमी परिस्थितियां मॉनसून आने तक लगातार बनी रहेंगी. बीच-बीच में बारिश होती रहेगी. 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान होने की संभावना अब लगभग खत्म हो गयी है.
डॉ राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के वरिष्ठ मौसम विज्ञानी डॉ ए सत्तार ने बताया िक निश्चित तौर पर यास तूफान के असर से प्रदेश के वातावरण में नमी की मात्रा औसत से कई गुना ज्यादा है. इससे लोकल थंडरस्टॉर्म बन रहे हैं. सतह से लेकर वायुमंडल के तापमान में आने वाले उतार-चढ़ाव से थंडरस्टॉर्म आते हैं. हालांकि, कुछ दिनों में इनमें कमी आयेगी, लेकिन बीच-बीच में बरसात होते रहना तय है.
Posted by Ashish Jha