मॉनसून की बेरुखी की वजह से बिहार के कई जिले के किसान बेहार हो गए हैं. यह पूरा क्षेत्र सूखे की चपेट में आ गया है. इससे किसान ही नहीं बल्कि सरकार भी परेशान है. हालात से निपटने और किसानों को मदद पहुंचाने के लिए सरकार ने कई बड़े फैसले लिए हैं. जिससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है और वह सुखाड़ से निबट कर अपने खेतों में रोपनी कर सकते हैं. राज्य सरकार ने सुखाड़ जैसी स्थिति को देखते हुए किसानों को डीजल पर अनुदान देने का पैसला किया है. 29 जुलाई से किसान इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.
कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि इस वर्ष 1 जून से 28 जुलाई तक राज्य में औसत से 41 प्रतिशत और 1 जुलाई से 28 जुलाई तक राज्य में औसत से 66 प्रतिशत सामान्य से कम बारिश हुई है. इसके कारण अभी तक मात्र 45 प्रतिशत धनरोपनी हुई है. सरकार इसको देखते हुए किसानों के लिए बनाए गए कृषि फीडर से 16 घंटे तक गांव में बिजली दे रही है. ताकि किसान पटवन कर सकें. इसके साथ ही सरकार ने खरीफ फसलों को डीजल चालित पंपसेट से पटवन करने के लिए किसानों को डीजल अनुदान योजना के तहत 60 रुपए प्रति लीटर की दर से डीजल देने का फैसला किया है. यह अनुदान धान का बिचड़ा एवं जूट फसल की अधिकतम 2 सिंचाई के लिए 1200 रुपये प्रति एकड़ और खड़ी फसल में धान, मक्का अन्य खरीफ फसलों के अंतर्गत दलहनी, तेलहनी, मौसमी सब्जी, औषधीय एवं सुगन्धित पौधे की अधिकतम 3 सिंचाई के लिए 1800 रुपए प्रति एकड़ की दर से दिया जाएगा. प्रति किसान अधिकतम 8 एकड़ के लिए डीजल अनुदान दिया जाएगा.
सरकार ने उन किसान को जो दूसरों की जमीन पर खेती करते हैं (गैर-रैयत) उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. उन्हें सिर्फ प्रमाणित या सत्यापित करवाने के लिए संबंधित वार्ड सदस्य और कृषि समन्वयक की मदद लेनी होगी. सत्यापित करते समय यह ध्यान रखा जाएगा कि वास्तविक खेती करने वाले जोतदार को ही अनुदान का लाभ मिले. इस योजना का लाभ ऑनलाइन पंजीकृत किसानों को ही दिया जाएगा. डीजल अधिकृत पेट्रोल पंप से डीजल क्रय के बाद डिजिटल वाउचर, जिसमें किसानों का 13 अंकों का पंजीकरण संख्या अंकित हो, मान्य होगा.