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भागलपुर मौसम: मौसम विज्ञान विभाग से आई राहत भरी खबर, जिले में माॅनसूनी हवाएं एक्टिव, कभी भी हो सकती है बारिश

मॉनसून इस समय भागलपुर समेत पूर्व बिहार व कोसी के विभिन्न जिलों पर सक्रिय हो गया है. इससे शुष्क व गर्म पछिया हवा की बजाय नमीयुक्त पूर्वा हवा 24.8किमी/घंटा की गति से बहती रही. भागलपुर के आसपास के विभिन्न जिलों में बारिश हुई है. भागलपुर में सोमवार रात से लेकर मंगलवार तक बारिश शुरू हो जायेगी.

भागलपुर: भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार को अपनी वेबसाइट पर मॉनसून से संबंधित नया भविष्यवाणी जारी की है. विभाग के अनुसार अबतक किशनगंज सीमा पर अटका मॉनसून आगे बढ़ गया है. मॉनसून इस समय भागलपुर समेत पूर्व बिहार व कोसी के विभिन्न जिलों पर सक्रिय हो गया है. इससे शुष्क व गर्म पछिया हवा की बजाय नमीयुक्त पूर्वा हवा 24.8किमी/घंटा की गति से बहती रही. भागलपुर के आसपास के विभिन्न जिलों में बारिश हुई है. बीएयू के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के नोडल पदाधिकारी डॉ सुनील कुमार ने बताया कि भागलपुर में सोमवार रात से लेकर मंगलवार तक बारिश शुरू हो जायेगी. मॉनसूनी हवाएं जिले में चलने लगी है, लेकिन बारिश होने के बाद ही मॉनसून को पूरी तरह से सक्रिय होने की बात कही जायेगी. मंगलवार को मॉनसून से संबंधित नया फॉरकास्ट बिहार के मौसम विज्ञान केंद्र पटना द्वारा जारी किया जायेगा.

आज से 23 जून तक बारिश का अनुमान

बदलते मौसमी गतिविधियों के बीच सोमवार को जिले का अधिकतम तापमान तीन डिग्री कम होकर 38 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. वहीं न्यूनतम तापमान 26 डिग्री रहा. 20 से 23 जून के बीच आसमान में हल्के बादल छाये रह सकते हैं. 20 से 23 जून के बीच हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. इस दौरान पूर्व दिशा से हवा चलती रहेगी. हवा की औसत गति 18 से 26 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है.

Also Read: भागलपुर: भीषण गर्मी से सुखाड़ की आहट, इससे ज्यादा बारिश के बाद भी पिछले साल हुई थी सुखाड़ की घोषणा
कम बारिश की वजह से आने लगी है सुखाड़ की आहाट

खरीफ मौसम में पिछले साल भागलपुर प्रमंडल के धान उत्पादक क्षेत्रों में सुखाड़ की घोषणा की गयी थी. इस बार तो भीषण गर्मी के बीच और कम बारिश हुई. ऐसे में बिचड़ा बोने के समय ही सुखाड़ की आहट दिखने लगी है. जिले में जून के प्रथम सप्ताह से बिचड़ा बोने का काम शुरू हो जाता था. अब तक 30 से 40 प्रतिशत तक बिचड़ा लगाने का काम हो जाता था. इस बार भीषण गर्मी के बीच ऐसी भयावह स्थिति बन गयी है कि एक प्रतिशत बिचड़ा बुआई नहीं हुई. बमुश्किल 5123 हेक्टेयर भूमि में मात्र 45 हेक्टेयर भूमि में बिचड़ा लग पाया है, जो कि 0.89 प्रतिशत बिचड़ा का काम पूरा हो सका. जिले में सबसे अधिक गोराडीह में 1.20 प्रतिशत बिचड़ा लगा है. इसके अलावा जिले के सभी आठ धान उत्पादक प्रखंडों की स्थिति इससे भी खराब है.

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