Bihar Weather Update: बिहार में मौसम का मिजाज बदला हुआ है. सूबे में मानसून एकबार फिर से सक्रिय हो गया है. मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक राज्य भर में अगले पांच दिनों तक हल्की व तेज बारिश के साथ ठनका गिरने की संभावना है. वहीं, 24 घंटे के भीतर कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई जा रही है. जिससे आम लोगों को राहत तो मिलेगी ही साथ ही किसानों को भी खेती में बड़ी मदद मिलेगी.
मौसम विभाग के द्वारा जारी पूर्वानुमान के तहत, बिहार के रोहतास, पश्चिम व पूर्वी चंपारण, औरंगाबाद और सीतामढ़ी के एक-दो स्थानों पर भारी से भारी बारिश होने का पूर्वानुमान है. इसके कारण अधिकतम तापमान में गिरावट होगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी.
मौसम विभाग के पूर्वानुमान में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल और उससे सटे उत्तरी ओडिशा पर चक्रवात बनने से उत्तरी ओडिशा और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तटों पर एक कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है. वहीं, टर्फ लाइन श्रीगंगानगर, रोहतक और लखनऊ से होते हुए गया जिले से गुजर रही है. इसके संयुक्त प्रभाव से राज्य में बंगाल की खाड़ी से आद्रता का प्रवाह बढ़ गया है. जिसके प्रभाव से राज्य में अगले पांच दिनों तक बारिश की संभावना है. अगले पांच दिनों के पूर्वानुमान के बाद राज्य में अधिकतम तापमान में गिरावट होगी और लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी.
वहीं किसानों के लिए खुशखबरी है. रविवार से मानसून फिर सक्रिय होने वाला है. पूर्णिया में मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में यह संकेत दिया है. वैसे, शुक्रवार की रात से ही आसमान में बादल मंडराने लगे थे और पिछले 24 घंटे से धूप और बादलों की लुकाछिपी चल रही है. हालांकि आस पास के इलाकों में छिटपुट रुप से हल्की बारिश हुई है पर समझा जाता है कि रविवार से मानसून का प्रभाव दिखने लगेगा. बारिश होने पर एक तरफ जहां धान के कुम्हलाते पौधों में जान आयेगी, वहीं बढ़ती गर्मी पर ब्रेक लगेगा. यहां सावन में भी आसमान से बारिश की बजाय आग बरस रही है. इस बीच शनिवार को पूर्णिया में अधिकतम 35.0 एवं न्यूनतम तापमान 27.0 रिकार्ड किया गया.
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मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 29 से ही मानसून फिर एक्टिव हो रहा है. इस वजह से तेज हवा के साथ ठनका गिरने और बारिश की संभावना है. मौसम विभाग द्वारा इस दौरान इसके अलावा वज्रपात भी होने की आशंका जताई है. मौसम विभाग के अनुसार मानसून की सक्रियता सीमांचल के सभी जिलों में बनी रहेगी. इस दौरान पूर्णिया में भारी बारिश हो सकती है.
बता दें कि पूरे सीमांचल के लोग बारिश के लिए तरस रहे हैं. मानसून के निष्क्रिय होने की वजह से अब धान की रोपनी पर भी संकट छाया हुआ है. हालांकि पंपसेट से पटवन कर लोग धान के पौधों को बचाने की कवायद कर रहे हैं पर यह काफी खर्चीला और अपर्याप्त साबित हो रहा है. गौरतलब है कि इस साल खेती किसानी शुरू से ही मानसून की पेंच में फंसी है. पिछले पांच सालों का रिकार्ड देखा जाये तो यह पहली दफा है जब जून-जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश हुई है. अहम यह है इस साल प्री मानसून की बारिश भी नहीं हुई.
वहीं भागलपुर में भी रविवार को सुबह से ही मौसम के तेवर नरम दिखे. यहां बारिश की संभावना जताई जा रही है. लोगों को अब उमस और गर्मी से राहत मिल सकती है. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि रविवार से मौसम का मिजाज बदलने लगेगा. बीएयू के मौसम वैज्ञानिक सुनील कुमार ने बताया कि बिहार में बंगाल की खाड़ी से आद्रता का प्रवाह बढ़ा है. उसे अगस्त तक बादल छाए रहेंगे. हल्की से मध्यम स्तर की बारिश की संभावना बनी हुई है.
गौरतलब है कि मानसून की एंट्री के बाद लोगों ने सूबे में काफी राहत ली थी. तेज गर्मी से लोगों को छुटकारा मिला था. लेकिन मानसून की बारिश भी इस बार सही ने नहींं पड़ी. इस बार बेहद कम बारिश पड़ी जिसने आम लोगों को ही नहीं बल्कि किसानों को भी प्रभावित किया. किसान की धान की खेती पर इसका सीधा असर पड़ा. वहीं अब बारिश से अगर नदी का जलस्तर बढ़ता है तो बाढ़ की भी मुश्किलें सामने आएंगी. पिछले दिनों हुई बारिश की वजह से अधिकतर नदियां उफनाई हुई हैं. इनका रूप और विकराल हो सकता है.