बिहार का मौसम दोहरा रंग क्यों दिखा रहा? जानिए ठंड और प्रदूषण को लेकर क्या बड़ी जानकारी आयी सामने..
बिहार का मौसम अब नया रंग दिखा रहा है. लोगों को दिन में उमस तो अहले सुबह व देर शाम के बाद ठंड का एहसास हो रहा है. इधर, मौसम विभाग की ओर से ठंड को लेकर बड़ी जानकारी दी गयी है. तापमान में उतार चढ़ाव के कारण लोग बीमार पड़ रहे हैं. जानिए वेदर रिपोर्ट..
Bihar Weather Report: बिहार का मौसम (Bihar Ka Mausam) फिर एकबार बदला है. लोग अहले सुबह व देर शाम को ठंड हल्की ठंड महसूस करने लगे हैं. तापमान में लगातार उतार-चढ़ाव दर्ज किए जा रहे हैं. वहीं प्रदेश में मौसम का दोहरा रंग अब दिखने लगा है. इन दिनों लोगों को दिन में उमस तो रात में ठंडक का एहसास हो रहा है. मौसम के इस बदलाव ने लोगों की सेहत पर भी असर किया है. लोगों की सेहत अब अधिक बिगड़ने लगी है. वहीं मौसम विभाग की ओर से बताया गया है कि मौसम में बदलाव की वजह क्या है. वेदर रिपोर्ट में जानिए बिहार में अगले पांच दिनों तक मौसम का मिजाज कैसा रहेगा.
जम्मू-कश्मीर समेत हिमालय क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ का असर समाप्त होते ही तापमान में फिर वृद्धि हुई है. मंगलवार को भागलपुर जिले में सुबह के समय मौसम साफ रहा. वहीं दोपहर को धूप खिली रही.जिले में बुधवार को दिन का मौसम उमस भरा रहा, वहीं शाम से लेकर सुबह तक हल्की ठंडक रही. अधिकतम तापमान 31.8 डिग्री व न्यूनतम तापमान 18 डिग्री रहा. हवा में नमी की मात्रा 94 फीसदी रही. इस कारण शाम ढलते ही ओस गिरने लगा. धीमी गति से पछिया हवा चलती रही. दिन में आसमान में हल्के बादल छाये रहे. बीएयू के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा के अनुसार, दो से सात नवंबर के बीच भागलपुर में आसमान साफ रहेगा. अधिकतम तापमान सामान्य रहेगा. न्यूनतम तापमान में हल्की कमी आ सकती है. सुबह में हल्की धुंध रहेगी. इस दौरान बारिश होने की संभावना नहीं है. वहीं, शुष्क पश्चिमी हवा चलती रहेगी. सुबह के समय ठंडक व दोपहर में गर्मी व उमस के कारण लोगों की तबीयत बिगड़ रही है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम सेवा में नोडल पदाधिकारी, डा. सुनील कुमार के अनुसार 2 नवंबर से 5 नवंबर के बीच भागलपुर व आसपास के जिलों में आसमान साफ रहेगा. अधिकतम व न्यूनतम तापमान में कमी हो सकती है.
प्रदूषण बनी नयी मुसीबत..
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने मंगलवार को नवंबर का पूर्वानुमान जारी किया है. इसके तहत भागलपुर समेत बिहार के पूर्वी हिस्से में नवंबर माह में हल्की बारिश का अनुमान लगाया गया है. नवंबर में तापमान में आंशिक कमी आने की संभावना है. इस महीने धुंध व कोहरे का असर बना रहेगा. बता दें कि बिहार में राजगीर समेत 8 शहरों की हवा बेहद खराब पायी गयी. मंगलवार को पूर्णिया-भागलपुर व पटना समेत करीब आधा दर्जन शहरों की हवा बेहद खराब थी. वायु गुणवत्ता सूचकांक से इसका पता चला. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रक पर्षद की ओर से देश 222 शहरों की सूची वाली रिपोर्ट जारी की गयी. बिहार के बेगूसराय और राजगीर का सूचकांक 300 के पार था. भागलपुर में मंगलवार को भी प्रदूषण स्तर बहुत खराब श्रेणी में रहा. मायागंज इलाके का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार पहुंच गया. हवा में धूलकण व प्रदूषित कणों की मात्रा सामान्य से चार गुना अधिक रही. बुधवार को भागलपुर शहर की आबोहवा में धूलकण की मात्रा बढ़ने से प्रदूषण स्तर अधिक रहा. मायागंज इलाका सबसे अधिक प्रदूषित रहा. यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स 310 रिकॉर्ड किया गया. लंबे समय तक खराब हवा के संपर्क में रहने पर लोगों को सांस लेने में कठिनाई महसूस हुई. वायु प्रदूषण सामान्य से चार गुना अधिक रहा.
पछुआ और पुरवा हवा एकसाथ चलेगी..
उत्तर बिहार के जिलों में पांच नवंबर तक आसमान में हल्के बादल के साथ मौसम शुष्क रहने की संभावना मौसम विभाग ने जतायी गयी है.अधिकतम तापमान 31 से 33 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है. वहीं औसतन 3 से 5 किमी. प्रति घंटा की रफ्तार से पछुआ व पुरवा दोनों हवा चलेगी.पिछले कुछ दिनों से मौसम में लगातार उतार-चढ़ाव की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं. कभी तेज धूप, तो कभी ठंड दस्तक दे रही है. मौसम का मिजाज अभी कुछ ऐसा है कि लोग दिन में हल्की गर्मी महसूस करते हैं और पंखे का इस्तेमाल कर रहे हैं. न्यूनतम तापमान में गिरावट से फिर सुबह और शाम के वक्त लोगों को ठंड का एहसास भी होने लगा.गोपालगंज जिले में दो दिनों से रात का न्यूनतम तापमान 19.8 डिग्री सेल्सियस बना हुआ है. मौसम विज्ञानी की मानें तो दीवाली तक रोजाना रात का पारा कम होगा. मौसम अनुकूल बना रहेगा. सुबह-शाम लोगों को हल्की ठंड लगेगी.
किसानों के लिए क्या है सलाह..
शुष्क मौसम की संभावना को देखते हुए मौसम विभाग की ओर से किसानों को भी सुझाव दिया गया है, जिसमें रबी मक्का की बुआई से लेकर आलू रोपनी की तैयारी करने की सलाह दी है.बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर के ग्रामीण कृषि मौसम विभाग की ओर से किसानों को सलाह दी गयी है कि पश्चिमी हवा चलने की संभावना है. इस दौरान देर से बोए गए धान की फसल का निरंतर निरीक्षण करते रहें . इस समय कीट या रोग लगने की संभावना रहती है , सब्जियों में आवश्यकता अनुसार सिंचाई करें.