बिहार अब कहलगांव-फरक्का थर्मल से नहीं लेगा 832 मेगावाट बिजली, शनिवार की रात करेगा सरेंडर

बिजली कंपनियां शनिवार यानि आज रात 12 बजे से बिहार को एनटीपीसी के कहलगांव पावर प्लांट से स्टेज वन में आवंटित 345 मेगावाट और फरक्का पावर प्लांट के स्टेज वन की दो यूनिटों से आवंटित 487 मेगावाट बिजली नहीं लेगी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 21, 2023 6:00 AM
an image

पटना. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने कहलगांव और फरक्का की 832 मेगावाट बिजली सरेंडर कर दी है. बिजली कंपनियां शनिवार यानि आज रात 12 बजे से बिहार को एनटीपीसी के कहलगांव पावर प्लांट से स्टेज वन में आवंटित 345 मेगावाट और फरक्का पावर प्लांट के स्टेज वन की दो यूनिटों से आवंटित 487 मेगावाट बिजली नहीं लेगी. बिहार विद्युत विनियामक आयोग की अनुमति के बाद बिजली कंपनियों ने एनटीपीसी को इसकी सूचना दे दी है. एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चंदन ने बताया कि एनटीपीसी सरेंडर बिजली को केंद्रीय विद्युत मंत्रालय की अनुमति के बाद दूसरे आवंटी राज्यों को ऑफर करेगा. मंजूरी नहीं मिली तो यह सस्ती बिजली खुले बाजार में ऑफर की जायेगी.

औसतन मात्र 4.16 रुपये प्रति यूनिट मिल रही थी बिजली

बिजली कंपनियों को कहलगांव और फरक्का की इन यूनिटों से औसतन 4.19 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही थी. एनटीपीसी की दूसरे यूनिटों के मुकाबले इसकी बिजली सस्ती होने के बावजूद प्लांट की बिजली सरेंडर कर दी गयी. इसके पीछे कंपनी का तर्क है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में ही बाढ़, बक्सर और नॉर्थ कर्णपुरा की नयी यूनिटें चालू होने पर बिजली की उपलब्धता सरप्लस हो जायेगी. ऐसे में समझौता में रहते हुए बिजली नहीं लेने पर कंपनी को लागत का फिक्सड कॉस्ट देने की बाध्यता रहेगी. सामान्य परिस्थितियों में उनको दूसरी यूनिट या बाजार से सस्ती बिजली उपलब्ध हो रही है.

Also Read: Sarkari Naukri: बिहार में एक लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति जल्द, अगले माह जारी हो सकता है विज्ञापन

घट जायेगा एनटीपीसी से बिहार को आवंटित कोटा

854 मेगावाट बिजली सरेंडर होने पर फिलहाल एनटीपीसी से बिहार को आवंटित बिजली कोटा घट कर मात्र कर 6169 मेगावाट रह जायेगा. ऐसे में जाड़े में परेशानी नहीं होगी, लेकिन गर्मियों में डिमांड बढ़ने पर दिक्कत हो सकती है. वर्तमान में एनटीपीसी की बिहार सहित दूसरे राज्यों में स्थित यूनिटों से 7001 मेगावाट बिजली का आवंटन है. भविष्य में बरौनी थर्मल पावर प्लांट की 110-110 की दो यूनिटों के डि-कमीशनिंग की भी चर्चा है. इसको लेकर ऊर्जा मंत्रालय, बिहार सरकार के ऊर्जा विभाग और एनटीपीसी में पत्राचार चल रहा है.

समझौता अवधि खत्म होने के बाद उठाया कदम

दरअसल इन यूनिटों से बिहार को मिलने वाली बिजली के लिए एनटीपीसी और बिजली कंपनी के बीच जुलाई 1985 में समझौता हुआ था. जुलाई 2021 में इस समझौते के 25 साल पूरे हो गये. ऊर्जा मंत्रालय ने मार्च 2021 में एक सर्कुलर जारी कर बिजली कंपनियों को उन समझौतों से निकलने की छूट दी थी, जिनके 25 साल पूरे हो गये हैं. इसके आधार पर बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने मार्च 2022 में विनियामक आयोग में याचिका दाखिल कर समझौता रद्द करने की छूट दिये जाने की मांग की थी. अप्रैल 2023 में आयोग ने याचिका को स्वीकृत कर लिया.

Exit mobile version