बिहार: मोबाइल फोन रखने की पाबंदी से उग्र थी महिला, ले ली बेटे की जान, जानें क्या है पूरा मामला
एक मां ने अपने ही दो साल के मासूम बेटे की गला दबा कर हत्या कर दी. इस संबंध में आमस थाने में महिला के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. आमस थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने बताया कि मृत बालक यशराज कुमार के दादा रामसेवक यादव ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है.
एस अली. गया. क्या एक मां भी कातिल बन कर अपने जिगर के टुकड़े को मौत के घाट उतार सकती है. ऐसी ही सनसनीखेज घटना आमस थाना क्षेत्र की रामपुर पंचायत के नारायणपुर गांव में हुई है. एक मां ने अपने ही दो साल के मासूम बेटे की गला दबा कर हत्या कर दी. इस संबंध में आमस थाने में महिला के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. आमस थानाध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने बताया कि मृत बालक यशराज कुमार के दादा रामसेवक यादव ने प्राथमिकी दर्ज करने के लिए आवेदन दिया है. इसमें अपनी पतोहू खुशबू देवी पर यह आरोप लगाया है कि उसने यशराज को गला दबा कर मार डाला है. थानाध्यक्ष ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर खुशबू देवी को बुधवार की रात गिरफ्तार करने के बाद गुरुवार को जेल भेज दिया गया.
दिन रात मोबाइल पर किसी से करती थी बात
जानकारी के अनुसार, घर के सभी सदस्यों से हमेशा झगड़ा करने सहित अन्य मामलों को लेकर दो दिन पूर्व स्थानीय सरपंच की उपस्थिति में रामपुर कचहरी में बैठक हुई थी. सरपंच कौलेश्वर राम बताते हैं कि हर समय मोबाइल पर बात करने, घर से भाग कर हमेशा मायके चले जाने और घर के सदस्यों के साथ लड़ाई-झगड़ा आदि करने के मामले में दीपक कुमार की पत्नी खुशबू देवी पर बैठक में कई पाबंदियां लगायी गयी थीं. इसमें मोबाइल न रखने, बिना अनुमति घर से बाहर न निकलने और बार-बार मायका व अन्य जगहों पर न जाने की पाबंदी आदि लगायी गयी थी. ताकि, ससुराल के लोगों के साथ खुशी-खुशी रह सके और झगड़ा न हो. इस बैठक में खुशबू के पिता, भाई, स्थानीय वार्ड सदस्य प्रतिनिधि व अन्य लोग भी उपस्थित थे. परिजनों का कहना है कि खुशबू दिन रात मोबाइल पर किसी से बात किया करती थी. ससुराल के लोगों के मना करने पर नहीं मानती और मोबाइल छुपा दिया करती थी. लेकिन, इधर पाबंदी लगने के बाद वह काफी बेचैन रहने लगी थी.
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क्या है पूरा मामला
रामसेवक यादव की बेटी सोनम कुमारी ने बताया कि वह घर के बरामदे में पढ़ रही थी. तभी भाभी खुशबू देवी अपने दो वर्षीय छोटे पुत्र यशराज कुमार को कमरे के अंदर ले गयी और दरवाजा बंद कर लिया. थोड़ी देर ही में बच्चे के रोने की आवाज आयी तो सोनम दरवाजा पीटने लगी. दरवाजा खुलने के बाद जब यशराज को बेहोशी के आलम में देखा तो शोर मचाते हुए गांव में निकल गयी, क्योंकि घर में माता-पिता मौजूद नहीं थे. सूचना पाकर दादा-दादी व ग्रामीण पहुंचे तो बच्चे को औरंगाबाद जिले के मदनपुर पीएचसी ले गये. जहां से रेफर करने के बाद औरंगाबाद सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद आक्रोशित परिजनों ने रात में जीटी रोड जाम कर दिया था. लेकिन, मां खुशबू की गिरफ्तारी के बाद जमा हटा लिया गया था. परिजनों का आरोप है कि खुशबू ने बेटे को गला दबा कर मार डाला है. इसके निशान गले पर मौजूद हैं. दूसरी ओर मां इस बात से इन्कार कर रही है कि उसने बेटे का गला दबाया है. खुशबू का कहना है की बेटे का गर्दन पलंग व दीवार के बीच फंस गया था और इसी कारण मौत हुई है. यह दर्दनाक घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. बहरहाल पुलिस का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद हकीकत सामने आ जायेगी.