बिहार में महिला किसानों के लिए बड़ी घोषणा, शहद, मशरूम व अंडा खरीदेगी सरकार, डेयरी समिति का होगा गठन
पटना में कृषि विभाग के सचिव ने बामेती में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी घोषणा की है. दरअसल अब सरकार महिला किसानों से शहद, मशरूम और अंडा खरीदेगी. इससे महिला किसानों को बड़ा फायदा होगा. बता दें कि इन अंडो को आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषाहार के रूप में शामिल किया जाएगा.
पटना में कृषि विभाग के सचिव ने बामेती में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी घोषणा की है. दरअसल अब सरकार महिला किसानों से शहद, मशरूम और अंडा खरीदेगी. इससे महिला किसानों को बड़ा फायदा होगा. बता दें कि इन अंडो को आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषाहार के रूप में शामिल किया जाएगा. जबकि मशरूम को मध्याह्न भोजन में शामिल किया जाएगा. कृषि विभाग के सचिव डॉ एन श्रवण कुमार ने जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि महिला किसानों से शहद, मशरूम के साथ अंडा सरकार खरीदेगी. इन अंडों को आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चों के आहार में शामिल किया जायेगा.
महिलाओं के पास कई चुनौतियां
कृषि विभाग के सचिव ने यह भी कहा कि सरकार मशरूम को मध्याह्न भोजन योजना का अभिन्न अंग बनाने जा रही है. वह बामेती में महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर भके क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बना है. महिला किसानों के पास उनके नाम से भूमि का न होना, आसानी से ऋण नहीं मिलना और खेती संबंधी यंत्रों का महिलाओं के अनुरुप नहीं होना आदि कुछ चुनौतियां हैं. उन्होंने आगे कहा कि राज्य के प्रत्येक ग्राम में कम-से-कम एक डेयरी समिति गठित की जा रही है. महिलाओं को संगठित करने के लिए कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की बात भी उन्होंने कही है.
महिलाओं को होना होगा जागरूक
पद्मश्री सिस्टर सुधा वर्गीज भी इस मौके पर मौजूद रही. उन्होंने कहा कि महिलाओं को अशिक्षा, बेरोजगारी, सामाजिक एवं राजनीतिक असमानता से आजादी चाहिए़. वहीं राज्य नोडल पदाधिकारी, आत्मा विजय कुमार ने कहा कि महिलाओं को अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना चाहिए़ . मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत, नालंदा के वैज्ञानिक डॉ ज्योति सिन्हा, कृषि अनुसंधान संस्थान, पटना के उद्यान वैज्ञानिक डॉ संगीता कुमारी, अरवल के चलंत पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ भारती सिंह, जगजीवन राम, कृषि अभिनव पुरस्कार से सम्मानित महिला किसान मनोरमा सिंह आदि मौजूद थे.
महिलाओं ने साझा की संघर्ष की कहानी
नारी गुंजन संस्था की मुसहर जाति की महिला किसान अनीता ने कहा कि वह पहले मजदूरी करती थी. किसान संगठन से जुड़ने का बाद उन्हें बटाई पर भूमि मिली और उनकी आय बढ़ी. उनके बच्चे अब प्राइवेट विद्यालय में पढ़ाई कर रहे हैं. पूर्वी चंपारण की महिला किसान सामिया बेगम ने बताया कि लॉकडाउन में नौकरी गंवाने के बाद छोटी -सी पूंजी लगाकर मशरूम की खेती की और अब उन्हें मशरूम गर्ल के नाम से जाना जाता है. उसने अपने पति को भी रोजगार दिया. मौके पर दानापुर की सोनी कुमारी, पश्चिम चंपारण की सुमन देवी, भागलपुर की वंदना कुमारी, मुजफ्फरपुर की निराला देवी, सीतामढ़ी की पूनम, लखीसराय की दीपिका, बेगूसराय की सुनीता कुमारी आदि ने चौथे कृषि रोड मैप के लिए सुझाव दिये.
Published By: Sakshi Shiva