बिहार सरकार के उद्योग विभाग के प्रधान सचिव संदीप पाैंड्रिक ने सभी बैंकर्स और संबद्ध पदाधिकारियों को उद्योग विभाग से संबंधित योजनाओं का सफल क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. उन्होंने शुक्रवार को समाहरणालय स्थित सभागार में समीक्षा बैठक में कहा कि लोगों में उद्यमिता के विकास के लिए सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) को सजग, तत्पर और प्रतिबद्ध रहना होगा.
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के 816 अभ्यर्थियों को मिली प्रथम किस्त की राशि
बैठक में डीएम डॉ चंद्रशेखर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, स्टार्टअप, प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमइ), पीएमइजीपी, प्रधानमंत्री बुनकर मुद्रा योजना सहित विभिन्न योजनाओं में लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि की समीक्षा की. समीक्षा में पाया गया कि पटना जिले में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना अंतर्गत चयनित 878 अभ्यर्थियों में से 828 ने प्रशिक्षण प्राप्त किया और 816 अभ्यर्थियों को प्रथम किस्त की राशि दे दी गयी है. डीएम ने प्रधान सचिव को बताया कि बीडीओ, सीओ व अन्य पदाधिकारियों के माध्यम से शनिवार को प्राप्त आवेदनों का सत्यापन कराया जायेगा और निरीक्षण प्रतिवेदन के आधार पर लंबित किस्त व आवेदनों का जल्द निष्पादन किया जायेगा. प्रधान सचिव ने 15 जनवरी तक राशि की उपयोगिता और आवश्यकता संबंधी प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया.
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के 15 आवेदनों को स्वीकृत
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (पीएमएफएमइ) अंतर्गत बैंकों ने 15 आवेदनों को स्वीकृत किया है. वहीं,पीएमइजीपी के अंतर्गत 330 आवेदनों को मंजूर किया गया है. प्रधानमंत्री बुनकर मुद्रा योजना में स्वीकृत आवेदनों की संख्या आठ है. प्रधान सचिव ने कहा कि पीएमएफएमइ अंतर्गत खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के असंगठित क्षेत्र में सूक्ष्म उद्यमों की प्रतिस्पर्द्धात्मक को बढ़ावा देना और किसान उत्पादक संगठनों, स्वयं सहायता समूहों व उत्पादक सहकारी समितियों को सहायता दी जाती है. प्रधान सचिव ने कहा कि पीएमइजीपी अंतर्गत स्वीकृति के विरुद्ध डिस्बर्सल की अच्छी स्थिति नहीं है. उन्होंने 31 जनवरी तक स्वीकृति व डिस्बर्सल के लक्ष्य को हासिल करने का निर्देश दिया.