बिहारी साल भर में खाते हैं सात किलो मछली, राष्ट्रीय स्तर पर सालाना नौ किलो मछली की होती है खपत
बिहार में उत्पादित तथा बाहर से आने वाली मछलियों को मिलाकर कुल आठ करोड़ 39 हजार टन मछलियां बिहार के लोग प्रतिवर्ष खा रहे हैं. मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से जारी की गयी एक रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आये हैं.
पटना. बिहार का एक व्यक्ति एक साल में औसतन सात किलो ग्राम मछली खाता है. हालांकि प्रति व्यक्ति मछली खाने के राष्ट्रीय औसत से बिहार अभी पीछे है. प्रति व्यक्ति मछली खाने वालों का राष्ट्रीय औसत नौ किलो ग्राम सालाना है. जबकि बिहार में यह छह किलो आठ सौ ग्राम है.
प्रति वर्ष 8,00,39,000 टन मछलियां कहा रहे बिहार के लोग
बिहार में बीते दो वित्तीय वर्ष से मछली का उत्पादन एक समान 7 लाख 62 हजार टन हुआ है. वहीं, बिहार की मछलियां नेपाल समेत दूसरों प्रदेशों में भी भेजी जा रही हैं. बिहार में 67 हजार टन मछलियां बिहार के बाहर से मंगायी जा रही हैं. बिहार में उत्पादित तथा बाहर से आने वाली मछलियों को मिलाकर कुल आठ करोड़ 39 हजार टन मछलियां बिहार के लोग प्रतिवर्ष खा रहे हैं. मत्स्य संसाधन विभाग की ओर से जारी की गयी एक रिपोर्ट में ये तथ्य सामने आये हैं.
नेपाल समेत यूपी, झारखंड भेजी जा रहीं मछलियां
बिहार से 34, 820 टन मछलियां नेपाल समेत दूसरे प्रदेशों में भेजी जा रही हैं. नेपाल, सिलीगुड़ी, लुधियाना, वाराणसी, गोरखपुर, देवरिया, कप्तानगंज, रांची तथा गोड्डा में बिहार की मछलियां भेजी जा रही हैं. वहीं, आंध्रप्रदेश व पश्चिम बंगाल से 67 हजार टन मछली मंगायी भी जा रही है.
गंगा, गंडक व बूढ़ी नदी में देसी मछली का होगा पालन
बिहार में मछली की खपत को देखते हुए इसका उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कार्य किये जा रहे हैं. राज्य में 268.44 नये जल क्षेत्र का सृजन किया जा रहा. पानी की उपलब्धता के लिए 322 ट्यूबवेल लगाये जा रहे हैं. गंगा, गंडक, बूढ़ी नदी में मत्स्य अंगुलिकाओं की फिर से स्थापना की जा रही है. इन नदियों में केवल देसी मछलियों का संरक्षण किया जायेगा.
आकड़ों पर एक नजर
-
8.39 लाख टन मछली की बिहार में खपत सालाना
-
7.62 लाख टन मछली का उत्पादन बिहार में
-
67 हजार टन मछली दूसरे प्रदेशों से आती है सालाना