बिहार में रामनवमी जुलूस के दौरान हुई हिंसा (Bihar Violence) मामले में पुलिस और जिला प्रशासन काफी सख्ती से कार्रवाई कर रही है. शनिवार को बिहारशरीफ में हिंसा मामले में आरोपी 9 लोगों के घरों पर इश्तेहार चिपकाने के बाद अब कुर्की जब्ती की गयी है. इस दौरान भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती पूरे इलाके में की गयी थी. जिन लोगों के घरों में कुर्की की गयी उनमें बजरंग दल के संयोजक कुंदन कुमार भी शामिल हैं. हालांकि, बताया जा रहा है कि कुर्की के दौरान पुलिस के सामने सात आरोपियों ने सरेंडर किया है.
बिहारशरीफ में एक तरफ हिंसा फैलाने के आरोप में भारी सुरक्षा के बीच जिला प्रशासन के द्वारा कुर्की जब्ती की जा रही थी. वहीं, दुसरी तरफ बजरंग दल के संयोजक कुंदन कुमार ने पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया. इसके बाद पुलिस उसे थाना लेकर आ गयी. बताया जा रहा है कि उससे अभी पूछताछ की जा रही है. गिरफ्तार होकर जाते वक्त कुंदन कुमार मीडिया से कहा कि जिस वक्त हिंसा हुई, उस वक्त मैं बिहारशरीफ के थाना प्रभारी के साथ में खड़ा था.
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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मामले में बजरंग दल के कार्यकर्ता को फंसाने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि सरकार की नाकामी के कारण जिले में हिंसा भड़की. अब सरकार जांच के नाम पर लिपापोती कर रही है. जांच की रिपोर्ट तुंरत आती है. इनता वक्त लगना सवाल खड़ा कर रहा है.
नालंदा एसपी अशोक मिश्रा ने बताया कि हिंसा मामले में कुल 11 लोगों की पहचान करके उनके घरों पर इस्तेहार चिपकाया गया था. इसमें से दो आरोपी बिहारशरीफ थाना, दो सोहसराय और सात लोग लहेरी थाना क्षेत्र के रहने वाले थे. इसमें सात लोगों ने कुर्की के डर से पटना के कोतवाली थाना में सरेंडर कर दिया है. सरेंडर करने वालों में कृष्ण कुमार, कुंदन कुमार लहेरी, मो. शेरू, मो. चांद और मो. राशिद शमिल है. वहीं दो आरोपी मनीष वर्मा और सोनू वर्मा ने सोहसराय थाना में सरेंडर किया है. जबकि दो आरोपी मुन्ना और पप्पू फरार चल रहे हैं. उनके घर पर पुलिस के द्वारा कुर्की की गयी है. मामले में अब तक 130 लोगों की गिरफ्तारी की जा चूकी है और 15 एफआईआर दर्ज किया गया है.