अस्थावां में नल जल बना किसानों का जी का जंजाल, 20 एकड़ में गेहुं की फसल पानी में डूबी

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल जल ग्रामीणों व किसानों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है. गावों व शहरों मे स्वच्छ पानी पहुंचाने के लिए यह योजना सरकार के द्वारा चलाया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 18, 2024 10:54 PM
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अस्थावां.

राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना हर घर नल जल ग्रामीणों व किसानों के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है. गावों व शहरों मे स्वच्छ पानी पहुंचाने के लिए यह योजना सरकार के द्वारा चलाया गया है. इस योजना से लाखो लोगो को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है. लेकिन अस्थावां नगर पंचायत के किसानों को यह पानी मुसीबत बन चुका है. गांव से सटे पश्चिम लगभग 15 से 20 एकड़ मे किसान कोई भी फसल नही लगा पाते हैं. सालों भर नल जल का पानी से खेत भरा हुआ रहता है. 20 एकड़ में किसान गेंहूं बीज लगया गया जो कि सभी खेत जलमग्न हो गया है. किसान का कहना है कि धान का फसल अच्छा हुआ है, लेकिन धान की कटनी होने के बाद किसान गेंहुं लगया गया. लेकिन खेत पानी से जलमग्न हो गया सारा फसल बर्बाद हो गया है, जो भी खेत पानी से डूब गया है. उस खेत मे कोई भी फसल नहीं लग सकेगा. साथ ही खेतों मे गंदा पानी जमा रहने से बिमारी फैलने का डर सता रहा है. चंदन पासवान, सरयुग यादव, राजेंद्र यादव, रामोतार यादव, उपेंद्र यादव,दंगल यादव, मनोज यादव, ब्यास यादव सहित दर्जनों किसानों का कहना है कि हर घर मे नल जल योजना का पानी हर घर में आता है तब नल खुला छोड़ देते है पानी बर्बाद होता रहता है, इस से सभी खेतों में पानी सालों भर भरा हुआ रहता है. इन किसानों को कभी किसी तरह का फसल का किसी भी तरह का मुआवजा नहीं मिलता है. खेतों में लगातार पानी बहने से फसल नहीं लगा पाते हैं, कोई भी किसान हिम्मत जुटाकर फसल लगाते है पर वो फसल गलने लगती है. सात निश्चय के तहत सभी योजनाएं बेहद कामयाब है, लेकिन इसका क्रियान्वयन नही हो पा रहा है. सभी घरों में सरकार स्वच्छ जल पहुंच रही हैं. लेकिन जरूरत से ज्यादा पानी बर्बाद हो रही है. पानी का निकास कहीं से भी नही होने के कारण आज किसानों का फसल बर्बाद हो रहा है. जो पानी का निकास नहर के द्वारा होती थी जो कि असामाजिक तत्वों के लोगों के द्वारा नहर को अतिक्रमण कर लिया गया है. जिसके कारण पानी का निकास नही हो पा रहा है. नहर को अतिक्रमण के बारे में पदाधिकारी को का अवगत कराया गया था लेकिन पदाधिकारी कोई कार्रवाई नही की गयी. पूर्व में मुखिया के द्वारा नहर को सफाई कराया गया था, लेकिन फिर से असामाजिक तत्वों के लोगों के द्वारा नहर को भर दिया गया है.

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