33 डिफॉल्टर पैक्स और व्यापार मंडल को नोटिस
जिला सहकारिता विभाग ने जिले में धान क्रय करने वाले 33 एजेंसियों को नोटिस भेज कर चेतावनी जारी की है.
शेखपुरा. जिला सहकारिता विभाग ने जिले में धान क्रय करने वाले 33 एजेंसियों को नोटिस भेज कर चेतावनी जारी की है. इनमें जिले के पैक्स और व्यापार मण्डल शामिल हैं. इन सभी को राज्य मुख्यालय और जिला प्रशासन के निर्देशों का लोक में नोटिस की गई है. सभी को 31 जुलाई तक जिला के किसानों से खरीदे गए धान के समतुल्य तैयार चावल जमा करने की चेतावनी दी है. 31 जुलाई की समय सीमा बीत जाने के बाद इन सभी 33 डिफॉल्ट पैक्स और व्यापार मंडल के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करते हुए सरकारी राशि के वसूली के लिए नीलाम बाद चलाने की चेतावनी दी गयी है. इस संबंध में जानकारी देते हुए जिला सहकारिता पदाधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि जिले के बरबीघा व्यापार मंडल के अलावा लोहान, हुसैनाबाद, एकरामा आदि पैक्स चावल आपूति में पिछड़ रहे हैं. जिले में किसानों से खरीदे के धान के समतुल्य लगभग 30,000 मीट्रिक टन चावल सभी को जमा करने हैं. जिसमें अभी तक 20,000 मीट्रिक टन जमा कराया है. धान के बदले चावल जमा करने के कार्य में लक्ष्य का पचासी प्रतिशत पूरा कर लिया गया है. यह राज्य के अन्य जिलों से बहुत ज्यादा पीछे नहीं है. हाल ही में सभी पैक्स अध्यक्षों और मिलर के साथ बैठक में यह मिलरों ने जानकारी दी थी कि 24 लाट चावल और तैयार है. जिसे जल्द ही संबंधित विभाग को उपलब्ध करा दी जाएगी. पैक्सों को राइस मिल से किया गया है टैग गौरतलब है कि सरकार के नियमों के तरफ किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान की खरीद की जाती है. पैक्स को जिले में संचालित राइस मिल से टैग किया जाता है. जहां पैक्स को धान पहुंचाना पड़ता है. मिल उस खरीदे गए धान का चावल तैयार कर आपूति कर देता है. जिसे धान खरीद का चक्र पूरा होता है. इस संबंध में किसी भी अधिकारी या एजेंसी की लापरवाही या शिथिलता को बर्दाश्त नहीं किये जाने की जानकारी दी. कारवाई से बचने को लगा रह जुगत दूसरी ओर इस संबंध में जानकारों ने बताया कि फिलहाल किसी भी पैक्स या व्यापार मंडल के गोदाम में अब चावल या धान मौजूद नहीं है. संबंधित मिल का भी वही हाल है. लेकिन, सहकारिता विभाग के कड़े रुख के बाद ये सब तैयार चावल की खोज में लग गए हैं. ताकि सरकारी डंडों की मार झेलना नहीं पड़े. इस संबंध में बताया जा रहा है कि पैक्स अध्यक्ष और व्यापार मंडल के संचालक बाजार से चावल की खरीद कर कारवाई से बचने के प्रयास में जुटे हैं.
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