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जिला में 39 निक्षय मित्रों ने लिया टीबी मरीजों को गोद

राज्य एवं केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक राज्य एवं देश से टीबी उन्मूलन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | August 22, 2024 8:38 PM

बिहारशरीफ- राज्य एवं केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक राज्य एवं देश से टीबी उन्मूलन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. नालंदा जिले में टीबी रोगियों के उपचार एवं संदिग्ध रोगियों की तलाश के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इसी क्रम में अब जिला के सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीबी रोगियों को चिन्हित करने के लिए डेसिगनेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर विकसित किये जा रहे हैं. इसकी जानकारी देते हुए जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डेसिगनेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर बनेंगे. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला में 26 डेसिगनेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर हैं और 5 नए सेंटर होने से कुल संख्या 31 हो जाएगी. इसके लिए राज्य स्तर से माइक्रोस्कोप उपलब्ध कराया जायेगा. ट्रू नाट मशीन से हो रही गंभीर यक्ष्मा रोगियों की जांच:

डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि जिला में पहले से 6 ट्रू नाट मशीन उपलब्ध थी और 9 नयी मशीन जिला को उपलब्ध करा दी गयी है. जिला में अब कुल 15 ट्रू नाट मशीन से गंभीर यक्ष्मा रोगियों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि कई बार संदिग्ध टीबी रोगियों की पुष्टि करने के लिए ट्रू नाट मशीन से जांच की जाती है.

निक्षय मित्र मरीजों को गोद लेकर दे रहे साकारात्मक संदेश:

जिला संचारी रोग पदाधिकारी ने बताया कि जिला में 39 निक्षय मित्र रजिस्टर्ड हैं और उन्होंने 123 टीबी मरीजों को गोद लिया है. मरीजों को गोद लेकर निक्षय मित्र उनके पोषण का ध्यान रख रहे हैं. उन्होंने बताया कि जिला में 16 टीबी चैंपियन कार्यरत हैं जो समुदाय में टीबी के बारे में जागरूकता का प्रसार कर रहे हैं. यह आवश्यक है कि लोग जागरूक बनें एवं टीबी के लक्षणों को पहचाने, क्यूंकि लक्षणों को जल्दी पहचान एवं जांच होने से उपचार में सहायता मिलती है. टीबी पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी है एवं इसके लिए दवा के कोर्स का पूरा सेवन करना जरुरी होता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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