जिला में 39 निक्षय मित्रों ने लिया टीबी मरीजों को गोद
राज्य एवं केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक राज्य एवं देश से टीबी उन्मूलन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है.
बिहारशरीफ- राज्य एवं केंद्र सरकार वर्ष 2025 तक राज्य एवं देश से टीबी उन्मूलन के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. नालंदा जिले में टीबी रोगियों के उपचार एवं संदिग्ध रोगियों की तलाश के लिए लगातार कदम उठाए जा रहे हैं. इसी क्रम में अब जिला के सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में टीबी रोगियों को चिन्हित करने के लिए डेसिगनेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर विकसित किये जा रहे हैं. इसकी जानकारी देते हुए जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि राज्यस्तरीय समीक्षा बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में डेसिगनेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर बनेंगे. उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिला में 26 डेसिगनेटेड माइक्रोस्कोपिक सेंटर हैं और 5 नए सेंटर होने से कुल संख्या 31 हो जाएगी. इसके लिए राज्य स्तर से माइक्रोस्कोप उपलब्ध कराया जायेगा. ट्रू नाट मशीन से हो रही गंभीर यक्ष्मा रोगियों की जांच:
डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि जिला में पहले से 6 ट्रू नाट मशीन उपलब्ध थी और 9 नयी मशीन जिला को उपलब्ध करा दी गयी है. जिला में अब कुल 15 ट्रू नाट मशीन से गंभीर यक्ष्मा रोगियों की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि कई बार संदिग्ध टीबी रोगियों की पुष्टि करने के लिए ट्रू नाट मशीन से जांच की जाती है.निक्षय मित्र मरीजों को गोद लेकर दे रहे साकारात्मक संदेश:
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