बिहारशरीफ. जिले के लगभग 48 नियोजित शिक्षकों की नौकरी पर फिर गाज गिर सकती है. विगत महीने संपन्न प्रथम सक्षमता परीक्षा में शामिल होने वाले इन शिक्षकों के टीईटी प्रमाण पत्रों को फर्जी होने का अनुमान किया गया था. पूर्व में शिक्षा विभाग के द्वारा राज्य के कुल 1051 शिक्षक अभ्यार्थियों को फर्जी चिह्नित किया गया था. इसके लिए विभाग के द्वारा जांच दल का गठन कर शिक्षकों के बीटीइटी, एसटीइटी तथा सीटीइटी प्रमाण पत्रों की जांच की गई थी. प्रमाण पत्रों के भौतिक सत्यापन के बाद उनमें से लगभग 65 शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों को संतोषजनक नहीं पाया गया था. इनमें चार शिक्षक नालंदा जिले के भी शामिल थे. अब विभाग के द्वारा एक बार फिर इन सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का भौतिक सत्यापन करने के लिए तिथि का निर्धारण किया गया है. इसके लिए शिक्षकों को अपने सभी शैक्षणिक तथा प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों के साथ 10 तथा 11 मई को नया सचिवालय पटना स्थित विकास भवन के डॉ मदन मोहन झा स्मृति सभागार में विभागीय जांच समिति के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. इसके लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी को विशेष रूप से निर्देश दिया गया है कि अपने जिले के चिन्हित शिक्षकों को जांच समिति के समक्ष उपस्थित करायें. माध्यमिक शिक्षा निदेशक के द्वारा यह भी कहा गया है कि जो शिक्षक अभ्यर्थी प्रमाण पत्र के भौतिक सत्यापन में शामिल नहीं होंगे, उन्हें विभाग के द्वारा फर्जी घोषित करने का निर्णय लिया जा सकता है.
प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए बुलाए गए शिक्षक:-
सत्येंद्र कुमार—- मिडिल स्कूल गोरविगहा,
नीतू कुमारी—– मिडिल स्कूल छकौड़ी विगहा
रिती कुमारी——- नवसृजित प्राथमिक विद्यालय चक दिलावर
राहुल कुमार—– नवसृजित प्राथमिक विद्यालय इनायतपुर
जांच समिति से प्राप्त रिपोर्ट पर भी होगी कार्रवाई:-
प्रथम सक्षमता परीक्षा में शिक्षक अभ्यर्थियों के द्वारा आवेदन पत्रों के साथ दिए गए विभिन्न प्रमाण पत्रों के सत्यापन में भी 420 शिक्षक अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों पर फर्जी होने की संभावना व्यक्त की गई थी. विगत 9 अप्रैल को ऐसे सभी अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन किया गया था. इसमें भी कुल 44 शिक्षकों के प्रमाण पत्र में बीटीईटी, सीटीईटी, एसटीईटी प्रमाण पत्रों का नाम तथा रौल नंबर दूसरे अभ्यर्थियों के इन्हीं प्रमाण पत्रों के नाम तथा रौल नंबर से मेल खाते थे. ऐसे सभी शिक्षकों को भी जांच के लिए पटना बुलाया गया है. शिक्षकों को 8 तथा 9 मई को नया सचिवालय पटना स्थित विकास भवन के डॉ मदन मोहन झा स्मृति सभागार में उपस्थित होने का निर्देश दिया गया है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि चिन्हित शिक्षकों को निर्धारित तिथि पर जांच के लिए निश्चित रूप से भेजें. जांच में शामिल नहीं होने वाले शिक्षकों को जांच समिति के द्वारा फर्जी घोषित कर दिया जाएगा.
इन 44 शिक्षकों के प्रमाण पत्रों का होगा सत्यापन;-
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