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जिले में लक्ष्य के 88.59 प्रतिशत धान के बिचड़ों की हुई बुआई

मौसम अनुकूल हुआ तो किसान दिन-रात कर खेतों में धान के बिचड़ों की बुआई में जुट गये हैं. पांच जुलाई तक जिले में लक्ष्य के 88.59 प्रतिशत धान के बिचड़े खेतों में गिराये जा चुके हैं. बेन व चंडी प्रखंड में शतप्रतिशत बुआई कार्य पूरा कर लिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 5, 2024 10:10 PM

बिहारशरीफ. मौसम अनुकूल हुआ तो किसान दिन-रात कर खेतों में धान के बिचड़ों की बुआई में जुट गये हैं. पांच जुलाई तक जिले में लक्ष्य के 88.59 प्रतिशत धान के बिचड़े खेतों में गिराये जा चुके हैं. बेन व चंडी प्रखंड में शतप्रतिशत बुआई कार्य पूरा कर लिया गया है. चंडी, बेन ,बिंद व इस्लामपुर क्षेत्र के कुछेक किसानों ने निजी पंपसेट के सहारे धनरोपनी कार्य शुरू कर दिये हैं. हालांकि अधिकतर किसान के पास बिचड़ा तैयार नहीं होने से धनरोपनी कार्य में गति नहीं पकड़ रही है. इस बार 14 हजार 494.77 हेक्टेयर में खेतों में धान के बिचड़ा गिराने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें अब तक 12 हजार 841 हेक्टेयर खेतों में बिचड़ों बुआई की जा चुकी है. सबसे अव्वल बेन व चंडी प्रखंड हैं और सरमेरा प्रखंड में लक्ष्य से सबसे कम 66.58 प्रतिशत ही धान के बिचड़ा खेतों में गिराये गये हैं. हालांकि गत पांच दिनों से मौसम खेती के अनुकूल बना हुआ है. सुबह और शाम बारिश बारिश होने से किसानों को इस बार अच्छी धान की उपज होने की उम्मीद हैं. किसानों का कहना है कि लेट से बरसात आने और ससमय बीज उपलब्ध होने के कारण खेतों में बिचड़ा गिराने का कार्य अब तक चल रहा है. बिचड़ा बुआई के 15 से 20 दिनों के बाद धनरोपनी कार्य शुरू होता है. हालांकि कुछ किसान रोहणी नक्षत्र की अंत में निजी नलकूल के सहारे पटवन कर धान के बिचड़ा गिराने का काम किया है, जिसका धनरोपनी के लायक मोरी तैयार हो गयी है. पांच दिनों के दौरान जिले में करीब सवा सौ मिलीमीटर बारिश हो चुकी है. जुलाई माह में 252.8 मिलीमीटर बारिश होनी चाहिए. पिछले पांच दिनों से बारिश होने से जिले में खेतीबाड़ी के कार्यों में तेजी आयी है. संभावना है कि आने वाले कुछ दिनों में धनरोपनी के कार्य में भी गति आ जायेगी. चंडी, बेन ,बिंद व इस्लामपुर क्षेत्र के कुछेक किसानों ने निजी पंपसेट के सहारे धनरोपनी कार्य शुरू कर दिये हैं. हालांकि अधिकतर किसान के पास बिचड़ा तैयार नहीं होने से धनरोपनी कार्य में गति नहीं पकड़ रही है.

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