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एनएमसीएच के सर्जरी आइसीयू में भर्ती युवक की मौत, एक आंख गायब

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गोली लगने से जख्मी युवक 22 वर्षीय फंटूश कुमार की मौत के बाद परिजनों ने उसकी बांयी आंख निकालने का आरोप लगा शनिवार को हंगामा किया.

पटना सिटी.

नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में गोली लगने से जख्मी युवक 22 वर्षीय फंटूश कुमार की मौत के बाद परिजनों ने उसकी बांयी आंख निकालने का आरोप लगा शनिवार को हंगामा किया. युवक अस्पताल के सर्जिकल आइसीयू में भर्ती था. शुक्रवार की रात लगभग नौ बजे चिकित्सकों ने युवक को मृत घोषित कर दिया था. युवक के शव को बेड पर ही छोड़ कर परिवार के लोग आइसीयू से बाहर आ गये थे. सुबह जब परिवार के लोग शव के पास पहुंचे, तो देखा कि युवक की एक आंख नहीं थी. इस मामले में एक चिकित्सक ने आशंका जतायी है कि हो सकता है कि चूहे ने आंख को कुतर दिया है. शनिवार की सुबह लगभग पांच बजे जब परिवार के सदस्य शव के पास पहुंचे, तो देखा कि उसकी बांयी आंख नहीं थी. इसके बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा. हंगामा बढ़ता देख कर अस्पताल के टीओपी और आलमगंज थाना की पुलिस भी पहुंची और परिजनों को समझाया. अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह और सर्जरी विभाग के चिकित्सक समेत अन्य वहां पहुंचे और छानबीन की. परिजनों का आरोप है कि साजिश के तहत मृतक की बांयी आंख किसी ने निकाल ली है. परिजनों का कहना है कि अस्पताल के आइसीयू में जब सुरक्षा नहीं है, तो कहां जायें. घटना की जांच कराने और इंसाफ मिले. इसके लिए संघर्ष करने की बात कही.

पोस्टमार्टम नहीं होने से शव को छोड़ रखा था :

नालंदा जिले के हिलसा के चिकसौरा थाना के हुड़ारी गांव निवासी दिलीप प्रसाद के 22 वर्षीय पुत्र फंटूश कुमार अपने चचेरे भाई विजय कुमार के साथ पटना से गांव पहुंचा था. गांव में ही 14 नवंबर को आपसी विवाद में बदमाशों ने पेट में गोली मार दी थी. इसके बाद अनुमंडलीय अस्पताल में जख्मी फंटूश को उपचार के लिए भेजा गया था. जहां पर चिकित्सकों ने एनएमसीएच रेफर कर दिया था. एनएमसीएच में ही ऑपरेशन. जहां पर शुक्रवार की रात लगभग 8.55 मिनट पर चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने रात को ही पोस्टमार्टम कराने का आग्रह चिकित्सकों से किया. लेकिन चिकित्सकों ने रात को पोस्टमार्टम नहीं होने की बात कह शव का कागज नहीं दिया. ऐसे में बेड पर ही शव को छोड़ परिजन बाहर इंतजार कर रहे थे. परिजनों का कहना है कि लगभग रात्रि के 12:30 से 1:00 के बीच परिजनों ने मृतक फंटूश कुमार की लाश को आइसीयू वार्ड में सही सलामत देखा, लेकिन जब शनिवार की सुबह 5:00 आइसीयू में जाकर फंटूश कुमार की लाश को देखा तो उसका बांयी आंख गायब थी.

मामले में गठित हुई जांच टीम, हर बिंदु पर छानबीन :

अस्पताल के अधीक्षक डॉ विनोद कुमार सिंह ने कहा कि आइसीयू के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरा देखा गया है. अधीक्षक की मानें तो रात एक बजे तक मृतक के परिजन आ जा रहे हैं. इसके बाद के सीसीटीवी फुटेज की जांच हो रही है कि कोई संदिग्ध तो नहीं है. अधीक्षक ने बताया कि वहां कार्यरत कर्मियों की ड्यूटी की भी जांच की जा रही है. अधीक्षक ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए चार सदस्यीय जांच टीम गठित हुई है. एएसपी अतुलेश झा ने बताया कि प्रारंभिक जांच में मृतक की एक आंख मिसिंग का मामला प्रकाश में आया है. अस्पताल के चिकित्सकों से बात हुई है. इसके लिए टीम का गठन हुआ है. जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाये व्यक्ति के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई होगी.

एक वर्ष पहले हुई थी शादी, करता था प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी :

परिजनों ने बताया कि फंटूस तीन भाइयों में मंझला था. बड़े भाई जितेश कुमार के बाद मंझला फंटूस था. जबकि सबसे छोटा भाई कौशल कुमार की मृत्यु भी बहुत पहले हो गयी थी. पिता दिलीप प्रसाद और मां सुशीला देवी दोनों भाई परिवार के साथ रहते थे. परिजनों ने बताया कि बीते वर्ष 2023 में नालंदा के सिंगराम गांव में फंटूश की शादी निरमा देवी से हुई थी. फंटूस पटना में रह कर प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करता था.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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