उर्वरक बिक्री में गड़बड़ी करने वालों पर होगी कार्रवाई

स्थानीय समाहरणालय स्थित हरदेव भवन में सोमवार को जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में जिला उर्वक निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई.

By Prabhat Khabar News Desk | December 16, 2024 9:47 PM

बिहारशरीफ. स्थानीय समाहरणालय स्थित हरदेव भवन में सोमवार को जिला पदाधिकारी शशांक शुभंकर की अध्यक्षता में जिला उर्वक निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई. समीक्षा के क्रम में संबंधित पदाधिकारी को निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि उर्वरक की बिक्री में किसी प्रकार की अनियमितता न बरती जाए. जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जिला में उर्वरक की तत्काल कोई कमी नहीं है. केवल डीएपी की उपलब्धता आवश्यकतानुसार 10500 टन के स्थान पर 5422 टन ही प्राप्ति हो पायी है. जिला पदाधिकारी द्वारा कृषि निदेशक को डीएपी की मांग करने के लिए पत्र भेजने का निर्देश दिया गया. उन्होंने सभी उर्वरक प्रतिष्ठानों को कृषि समन्वयक अथवा किसान सलाहकारों की उपस्थिति में ही उनके प्राप्त उर्वरक का भौतिक सत्यापन कराते हुए बिक्री कराने का निर्देश दिया गया. सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी प्रति दिन एक-एक प्रतिष्ठान एवं प्रखंड कृषि पदाधिकारी द्वारा दो-दो प्रतिष्ठान की सघन जाँच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया गया है . उर्वरक बिक्री में गड़बड़ी करने वाले प्रतिष्ठानों के विरुद्ध विभिन्न सुसंगत धाराओं के तहत कड़ी कारवाई की जायेगी. यह भी निर्देश दिया गया कि किसी भी तरह से उर्वरक खासकर डीएपी निर्धारित दर से ऊंची कीमत पर न बेची जाय. इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी भी प्रतिष्ठानों का औचक निरीक्षण करते हुए आवश्यक कारवाई करेंगे. पूर्व से गठित जिला स्तरीय धावादल उर्वरक प्रतिष्ठानों की जांच व छापेमारी करना सुनिश्चित करेंगें. इस संबंध में संबंधित पदाधिकारी को एक पत्र प्रेषित करने का भी निर्देश दिया गया. जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि उर्वरक से संबंधित शिकायतों का त्वरित निष्पादन के लिए जिला स्तर पर उर्वरक नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गयी है. जिसका दूरभाष संख्या 06112-23143 है. यह प्रत्येक कार्य दिवस को 8.00 बजे पूर्वाह्न से 6:00 बजे अपराह्न तक संचालित है. नियंत्रण कक्ष पर प्राप्त होने वाली शिकायतो को संबंधित पदाधिकारियों के माध्यम से जाँच कराते हुए त्वरित समस्या का निराकारण किया जाता है. दोषी व्यक्तियों पर आवश्यक कारवाई भी की जाती है. जिला पदाधिकारी द्वारा यह भी स्पष्ट निदेश दिया गया कि टॉप-40 एवं टॉप- 20 यूरिया बायर्स की सूची प्राप्त कर तत्काल जांच करवा ली जाए. इस क्रम में कोई दोषी पाये जाते हैं तो उन पर कड़ी कार्रवाई की जाय. इस अवसर पर उप विकास आयुक्त श्रीकांत कुण्डलिक खाण्डेकर सहित सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, सहायक निदेशक (पौधा संरक्षण ), सहायक निदेशक (उधान), सहायक निदेशक (रसायन) , मिट्टी जांच प्रयोगशाला, नालन्दा की कम्पनियों के स्थानीय प्रतिनिधि थोक उर्वरक विक्रेता एवं खुदरा विक्रेता सम्मिलित हुए.

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