बिहारशरीफ. जिले में पटाखों से हवा जहरीली हो गई है. शुक्रवार की दोपहर में राजगीर के दांगी टोला में 145 और बिहारशरीफ के डीएम आवास में 177 एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) दर्ज किया गया, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में सुधार है. आम दिनों में राजगीर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 90-100 और बिहारशरीफ का 107-112 देखा गया था, जो दीपावली में बढ़कर क्रमश: 145 और 177 पहुंच गया है. पिछले वर्ष दीपावली में राजगीर का एक्यूआई 365 और बिहारशरीफ का 200 था, जिसे सामान्य होने में कई दिन लग गए थे. हालांकि, स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से हवा अभी भी जहरीली है, जो सांस, अस्थमा, फेफड़े, और हृदय रोगियों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है. इस बार कई कारणों से हवा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, लेकिन अभी भी सावधानी बरतनी आवश्यक है.
श्रेणी – एयर क्वालिटी इंडेक्स – हवा की गुणवत्ता
1. अच्छी – 0-50 – हवा शुद्ध
2. संतोषजनक – 51-100 – हवा थोड़ी खराब
3. मध्यम – 101-200 – हवा खराब
4. खराब – 201-300 – हवा बहुत खराब
5. गंभीर – 301-400 – हवा खतरनाक
6. अत्यधिक गंभीर 401-500 हवा बहुत खतरनाक
इन श्रेणियों के आधार पर, हवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है और स्वास्थ्य के लिए इसके प्रभाव का अनुमान लगाया जाता है़. जिले वासियों ने फोड़े एक करोड रुपए के पटाखे छोड़े गये. जिले में हर्षोल्लासपूर्वक पूर्वक दीपावली तथा लक्ष्मी पूजन का त्यौहार मनाया गया. श्रद्धालुओं ने पूरी आस्था के साथ देर रात्रि तक मां लक्ष्मी की उपासना करते रहे. वहीं बच्चों तथा युवाओं के द्वारा पूरी रात तरह तरह के पटाखे फोड़े गये. अनुमानत: जिले में लगभग एक करोड से अधिक के पटाखे फोड़े गए. हालांकि इस बार दीपावली में पटाखों के कारण छोटे-मोटे हादसे अवश्य हुए जिसमें एक किशोर की मौत हो गयी. इस दीपावली में पटाखों के कारण जिले के किसी भी क्षेत्र में आग लगने की भी कोई बड़ी घटना नहीं घटी है. लोगों की सतर्कता के कारण हादसों की नौबत नहीं आई है. इसी प्रकार दीपावली के अवसर पर जुआ खेलने वाले शौकीनों पर भी पुलिस द्वारा कड़ी नजर रखी गई. लेकिन एक भी जुआरी नही पकड़े गये. जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्थलों पर छोटे-मोटे जुए के दाव अवश्य लगाए गये. लेकिन कहीं बड़े पैमाने पर जुवा खेलने की सूचना नहीं है. न तो पुलिस द्वारा ही कही जुआरियों को गिरफ्तार ही किया गया है.
आस्था के साथ मनायी गयी दीपावली
जिले के शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में भारी आस्था के साथ लोगों ने दीपावली का त्यौहार मनाया. घरों से लेकर दुकानों तथा प्रतिष्ठानों में धन की देवी मां लक्ष्मी की पूरी आस्था के साथ पूजा अर्चना की गई. इस अवसर पर लोगों ने अपने-अपने घरों तथा दुकानों को दीयों, मोमबत्तियां रंगीन बल्बों तथा लड़ियों से आकर्षक ढंग से सजावट की थी. रात्रि में यह नजारा काफी खूबसूरत नजर आ रहा था. बीच-बीच में लोगों के द्वारा चलाए जा रहे रंग-बिरंगे पटाखों से आसमान में तरह-तरह की आकृतियां बन रही थी. जिसे लोग हैरत से निहार रहे थे. आसमान में उड़ते गुब्बारे भी हवा की रुख में उड़ते जा रहे थे. बच्चों ने रंगीन फुलझड़ियां जला कर तो युवाओं ने बड़े बड़े पटाखे फोड़ कर खूब धमाके किए.
धमाकों से पशु पक्षी रहे परेशान
एक तरफ जहां लोगों ने दीपावली के अवसर पर जोरदार धमाकों का आनंद लिया. वहीं दूसरी तरफ दीपावली के धमाके पशु- पक्षियों पर आफत साबित हुआ. रात्रि में हो रहे पटाखे की आवाज से गौशालाओं में बंधे पशु भयभीत नजर आए. वहीं पेड़- पौधों पर बैठे पक्षी भी धमाकों की आवाज से आसमान में उड़ गए. पक्षियों का झुंड आसमान में घंटों घूमते नजर आए. आखिर देर रात्रि में पटाखे की आवाज कम होने पर पशु पक्षियों ने चैन की सांस ली. कमोवेश यही स्थिति घरों में बच्चों तथा बुजुर्गों की भी रही. रूक रूक कर हो रही पटाखों की धमाकों के बीच देर रात तक उन्हें नींद का इंतजार करना पड़ा.
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