बिहारशरीफ. विगत दो वर्षों के कोरोना काल के बाद इस वर्ष जिले वासियों में दुर्गा पूजा का जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है. लोगों के इस उत्साह को बढ़ाने के लिए शहर की दर्जनों पूजा समितियां एक बार फिर एक से बढ़कर एक दुर्गा प्रतिमाएं तथा पूजा पंडाल के निर्माण में तेजी से जुट गई है. कहीं बंगाल के कारीगर तो कहीं झारखंड के कारीगर प्रतिमाओं तथा पंडालों को भव्य और आकर्षक रूप प्रदान करने में पसीने बहा रहे हैं.
इस वर्ष दुर्गा पूजा की शुरुआत 26 सितंबर को कलश स्थापना के साथ शुरू होगी. अभी पूजा की शुरुआत होने में लगभग तीन सप्ताह का समय है. इसके बावजूद जिले की पूजा समितियां जल्दी से जल्दी मां दुर्गा की प्रतिमाएं तथा भव्य पंडाल का जल्द से जल्द निर्माण करा लेने को आतुर है. जिले वासियों में भी कोरोना काल के बाद पहली बार दशहरा मेले का आनंद लेने का उत्साह हिलोरे ले रहा है. लोग अभी से ही पता लगाने में जुट गए हैं कि इस वर्ष कौन सी पूजा समिति कैसी प्रतिमा तथा कौन सा पंडाल का निर्माण करा रहा है.
वैसे तो जिले की दुर्गा पूजा तथा दशहरा का कोई जवाब नहीं है. यहां हर वर्ष एक से बढ़कर एक दुर्गा प्रतिमाएं तथा पूजा पंडालों का निर्माण कराया जाता रहा है. विशेष रूप से शहर के विभिन्न स्थानों पर स्थापित प्रतिमाओं को देखने के लिए जिले के साथ-साथ आस-पड़ोस के जिले के भी भारी संख्या में श्रद्धालु दशहरे में यहां आते हैं. इससे जिले की पूजा समितियों का उत्साह और बढ़ जाता है. सभी पूजा समितियां अपने यहा सर्वश्रेष्ठ प्रतिमा और पंडाल बनाने में ताकत झोंक दिया है.
वीर बाल संघ पुलपर का जिले के दशहरा मेला में विशेष योगदान रहा है. यहां हर वर्ष मां दुर्गा की भव्य बंगला आर्ट की प्रतिमा बनाई जाती है. इसकी शोभा देखकर लोग दांतों तले उंगलियां दबा लेते हैं .इसी प्रकार यहां का पूजा पंडाल भी दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रहता है. इस वर्ष भी यहां दशहरे में अक्षरधाम मंदिर दिल्ली का प्रारूप बनाया जा रहा है. इसकी ऊंचाई लगभग 70 फीट रहेगी तथा लकड़ी तथा प्लाईवुड के सहयोग से सफेद रंग के कपड़े से से बनाया जाएगा.
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पूजा समिति के अध्यक्ष कंचन कुमार ने बताया कि इस वर्ष प्रतिमा तथा पंडाल के निर्माण पर लगभग 18 लाखों रुपए खर्च किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि बंगाल के प्रसिद्ध कारीगर संदीप अधिकारी उर्फ कालू मिस्त्री के द्वारा पंडाल का निर्माण किया जा रहा है. इसी प्रकार कोलकाता बंगाल के कारीगर प्रभात पाल के द्वारा मां दुर्गा की प्रतिमाएं बनाई जा रही है. लगभग दो महीने से एक दर्जन कारीगर काम में लगे हुए हैं. दशहरा के पहले ही पंडाल तथा प्रतिमा का निर्माण कर लिया जाएगा.