एचएमपीवी वायरस को लेकर जिले के सभी सरकारी अस्पताल अलर्ट
ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के संभावित खतरे को लेकर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों समेत विम्स पावापुरी मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल को अलर्ट कर दिया गया है.
बिहारशरीफ.
ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के संभावित खतरे को लेकर जिले के सभी सरकारी अस्पतालों समेत विम्स पावापुरी मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल को अलर्ट कर दिया गया है. हालांकि इस वायरस की जांच की सुविधा सदर अस्पताल में उपलब्ध नहीं है. लेकिन एचएमपीवी वायरस के संदिग्ध मरीज मिलने पर उन्हें जांच के लिये पीएमसीएच, पटना भेजा जायेगा. फिलहाल इस वायरस के संभावित खतरे को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के माध्यम से डीएम व सिविल सर्जन व विम्स पावापुरी मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल के प्राचार्य व उपाधीक्षक को पत्र भेजकर इस संबंध में कई दिशा निर्देश व स्वास्थ्य कर्मियों को ट्रेंड करने को कहा गया है.सदर अस्पताल में बनाया गया स्पेशल वार्ड : सदर अस्पताल के प्रबंधक कुणाल कुमार ने बताया कि हालांकि यहां एचएमपीवी वायरस का अबतक कोई संदिग्ध मरीज नहीं मिले हैं. बावजूद स्वास्थ्य विभाग से मिले दिशा निर्देश के आलोक में अस्पताल को अलर्ट मोड में रखा गया है. संदिग्ध मरीज मिलने पर उन्हें जांच के लिये पीएमसीएच, पटना भेजा जायेगा. अस्पताल में जो पूर्व से डेंगू वार्ड बना था, उस वार्ड को इस नये वायरस के संदिग्ध मरीजों को भर्ती करने के लिये तैयार कर लिया गया है. इस वार्ड में 15 बेड है और यहां सभी बेसिक सुविधाएं उपलब्ध है.फ्लू के मरीजों पर रखी जा रही खास नजर :
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि अस्पताल के ओपीडी में ईलाज कराने पहुंच रहे फ्लू के मरीजों पर खास नजर रखी जा रही है. इस दौरान संदिग्ध मरीज मिलने पर वायरस के संभावित लक्षणों को ध्यान में रखते हुए उनकी विशेष जांच की जायेगी. जरूरत आने पर उनका सैंपल एकत्रित कर जांच के लिये पीएमसीएच, पटना भेजा जायेगा. एचएपीवी वायरस फेफड़ों को प्रभावित करता है. इसके कारण फ्लू जैसा संक्रमण होता है. ठंड के मौसम में यह वायरस ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है. यह प्रभावित व्यक्ति के सीधे संपर्क में आने पर इस वायरस का खतरा हो सकता है.ट्रेंड किये जायेंगे स्वास्थ्य कर्मी :
सिविल सर्जन डॉ जितेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि राज्य स्वास्स्थ्य समिति से मिले पत्र व दिशा निर्देश के अनुसार जिले के स्वास्थ्य कर्मियों को इस वायरस के लक्षणों और बचाव के लिये ट्रेंड किया जायेगा. ट्रेनिंग के लिए शिडयूल बनाया जा रहा है. फिलहाल सभी सरकारी अस्पतालों में लक्षणों के अनुसार प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को ईलाज व आवश्यक दुवा उपलब्ध कराने को कहा है. इस वायरस के संदिग्ध मरीज मिलने पर तुरंत सूचित करने को कहा गया है.यह लक्षण दिखने पर तुरंत पहुंचे अस्पताल
लगातार नाक बंद रहना या फिर नाक बहना
सूखी या गीली खांसी जो समय के साथ खराब हो सकती हैहल्का या तेज बुखार होना
गले में खराश, जलन और परेशानी होनासांस लेते समय घरघराहट की आवाज, एयरवेज में रुकावट
सांस लेने में कठिनाई, खासकर गंभीर मामलों मेंआराम करने के बाद भी लगातार थकान और कमजोरी
फेफड़ों में संक्रमण की शिकायतकैसे फैलता है यह एचएमपीवी वायरस
संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने पर निकलने वाली बूंदों सेकिसी संक्रमित व्यक्ति के सीधा संपर्क में आने से
दूषित सतहों को छूने और फिर चेहरे, आंखों या मुंह को छूने सेयह वायरस अन्य सीजनल रेस्पिरेटरी वायरस की तरह, सर्दियों के अंत और वसंत के महीनों में ज्यादा एक्टिव रहता है.
बचाव के लिए यह सभी करें उपाय :
हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं. साबुन और पानी मौजूद न होने पर अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं. जिस भी व्यक्ति में सांस संबंधी बीमारी के लक्षण नजर आएं, उनसे दूर रहें. खांसते या छींकते समय अपने मुंह और नाक को अच्छी तरह से कवर करें. दरवाजे के हैंडल, फोन और टेबल जैसी बार-बार छुई जाने वाली चीजों को रेगुलर से साफ करें. अपनी आंखों, नाक और मुंह को बार-बार अपने हाथों से छूने से बचें. अगर आपको अपने अंदर कोई लक्षण नजर आ रहा है, तो वायरस को फैलने से रोकने के घर पर ही रहें. हेल्दी डाइट, एक्सरसाइज और पूरी नींद के साथ एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है