बिहारशरीफ. जिले के 17 अंचल के अंचलाधिकारी जमीन के म्यूटेशन कार्य से दूरी बनाये हुए हैं, जो जनहित और सरकार से हुई वार्ता के आधार पर 24 जुलाई से म्यूटेशन कार्य फिर से शुरू कर देंगे. उक्त जानकारी बिहार रेवेन्यू सर्विस एसोसिएशन संघ के अध्यक्ष -सह- कतरीसराय अंचलाधिकारी धीरज प्रकाश ने दी. उन्होंने बताया कि म्यूटेशन से संबंधित स्पष्ट निर्देश नहीं मिला है, जिसको लेकर सरकार से मार्गदर्शन और निलंबित सीओ पर साहनभूति से विचार करने मांग की गई थी. जिसपर आश्वासन मिल रहा है. साथ ही जनहित और बढ़ती पेंडिंग को देखते हुए 24 जुलाई से सभी सीओ म्यूटेशन कार्य करने का निर्णय लिया है. बीते पांच दिनों से राज्य स्तरीय संघ के आह्वान पर अंचलाधिकारियों ने खुद को म्यूटेशन कार्य से अलग किये हुए हैं, तब से म्यूटेशन कार्य प्रभावित होने लगा है. जिले में महज तीन सीओ म्यूटेशन कार्य कर रहे हैं. शेष 17 अंचलाधिकारी राज्यस्तरीय आंदोलन के आह्वाहन पर म्यूटेशन कार्य से खुद को दूरी बना ली है. कार्य बहिष्कार करने वाले सीओ की मांग है कि निलंबित सीओ अविनाश कुमार व राजस्व पदाधिकारी को निलंबन मुक्त किया जाए. सभी अंचलों में पदस्थापित अंचलाधिकारी, राजस्व, आपदा, विधि-व्यवस्था, खनन रोक, भूमि विवाद जैसे महत्वपूर्ण कार्यों का निष्पादन सीमित संसाधनों के साथ कर रहे हैं. बिहार रेवेन्यू सर्विस ऐसोसिएशन संघ के अनुसार अंचलाधिकारी अधिकांश क्षेत्रों में भू-माफिया, खनन माफिया, असामाजिक तत्वों निशाने पर हैं. अंचल अधिकारियों पर लगातार हमलों के बावजूद एवं संघ के विभिन्न पत्रों से संज्ञान में दिये जाने के बाद भी अब तक कोई कार्यवाही विभाग स्तर से नहीं की गयी है. अंचलाधिकारियों के रैयती मामले में मापी के अतिरिक्त अन्य कोई भी विशेष शक्ति प्रदत नहीं है. फिर भी भूमि विवाद निपटारे की जिम्मेदारी दी जाती है. विभाग रैयती मामलों में अंचलाधिकारी की भूमिका स्पष्ट करें. उपहास एवं अपमान से मुक्त करें. दाखिल-खारिज मामलों में असमंजस की स्थिति दूर करने के लिए अविलंब दिशा-निर्देश जारी किया जाए.
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