शेखपुरा
. बुधवार की सुबह 10:15 पर डीएम आरिफ हसन का काफिला अरियरी प्रखंड मुख्यालय पहुंचा. निरीक्षण करने पहुंचे डीएम का कार्यालय परिसर में प्रवेश करते ही मुख्य दरवाजे को अंदर से बंद करवा दिया गया. इस दौरान प्रखंड बंदोबस्त कार्यालय सहित अन्य विभागों के चार दर्जन कर्मी प्रखंड मुख्यालय पहुंचकर भी दफ्तर के अंदर प्रवेश नहीं कर सके. करीब एक घंटा 45 मिनट तक चले गहन निरीक्षण और जांच में कई गड़बड़ियां एवं अव्यवस्था पायी गयी. डीएम ने बताया कि व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए आवश्यक निरीक्षण किया गया. इस दौरान पाई गई गड़बड़ियों को दुरुस्त करने के लिए अरियरी बीडीओ अर्चना वर्मा को अभिलंब कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है. डीएम निरीक्षण के दौरान वरुना पंचायत के अफरडीह गांव पहुंचे, जहां स्वास्थ्य उपकेंद्र में ताला जड़ा पाया. हालांकि वहां तैनात स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा नियमित टीकाकरण अभियान को लेकर क्षेत्र में रहने की सूचना डीएम को दी गई.चार दर्जन से अधिक कर्मी पहुंचे लेटलतीफ : डीएम आरिफ अहसन के औचक निरीक्षण की जाल में बुधवार को प्रखंड के बंदोबस्त कार्यालय से जुड़े कर्मी, पंचायत सचिव, आवास सहायक, तकनीकी सहायक, लेखपाल सह आईटी सहायक सहित अन्य कर्मी बुरी तरह फंस गये. इस दौरान एक दर्जन से अधिक कर्मियों का वेतन कटौती की कार्रवाई की गई. सूत्रों ने बताया कि डीएम का काफिला शेखपुरा शहर के दल्लू चौक से अरियरी मार्ग की ओर जैसे ही गुजरा पूरे सरकारी महकमा में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई. कर्मियों और अधिकारी भागे-भागे प्रखंड मुख्यालय की ओर जाने लगे. हालांकि इसका लाभ कर्मियों को नहीं मिल सका. कई कर्मी और अधिकारियों से पहले जिलाधिकारी ही प्रखंड मुख्यालय पहुंच गए. लेट लतीफ पहुंचने वाले कर्मी और अधिकारियों को प्रखंड कार्यालय के मुख्य द्वार के बाहर ही टकटकी लगाकर खड़ी रहना पड़ा. प्रखंड मुख्यालय का दरवाजा करीब पौने दो घंटे तक चल रहे निरीक्षण कार्य के बाद ही खोला गया. इसके बाद प्रखंड और अंचल कर्मी कार्यालय के अंदर प्रवेश कर सके.
राजस्व कर्मचारी पर 70 हजार रुपया नजराना लेने का आरोप : डीएम के निरीक्षण के दौरान वहां मौजूद अरियरी प्रखंड के वरूना गांव निवासी श्रीकांत कुमार का पुत्र सुमन कुमार ने जिलाधिकारी के समक्ष राजस्व कर्मचारी दीपक कुमार के खिलाफ नजराना मांगने का आरोप लगाया. इस दौरान पीड़ित ने बताया कि 1 सितंबर 2024 को अपने जमीन का परिमार्जन करने के लिए उन्होंने आवेदन किया था. पिछले एक माह से उन्हें लगातार राजस्व कर्मचारी के द्वारा घुमाया जा रहा था. इस परिमार्जन के लिए राजस्व कर्मचारी के द्वारा 70 हजार रुपये नजराना की मांगा था. उन्होंने यह भी बताया कि परिमार्जन की कार्रवाई से जुड़े सभी जमीनी दस्तावेज उनके पास उपलब्ध है एवं उन्होंने राजस्व कर्मचारी को सुपुर्द भी कर दिया था. लेकिन सिर्फ नजराने के लिए उन्हें पिछले एक माह से टाल मटोल कर परेशान किया जा रहा था. डीएम ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच करने का आश्वासन दिया. इसके बाद उक्त पीड़ित ने एक लिखित आवेदन भी जिलाधिकारी को सौप है. जिलाधिकारी ने कहा कि इस मामले की गंभीरता पूर्वक जांच की जायेगी.जिलाधिकारी के औचक निरीक्षण से भूस्वामियों में जगी आस : अरियरी प्रखंड के देवपुरी गांव निवासी समाजसेवी सुबोध कुमार ने जिलाधिकारी के इस औचक निरीक्षण को काफी सराहना की है. उन्होंने कहा कि अंचल कार्यालय के रवैया से परेशान किसान और भूस्वामियों में काफी उम्मीदें जगी है. उन्होंने कहा कि प्रखंड के सनैया पंचायत में कई ऐसे जमीनी मामले है इसके निपटारे के लिए राजस्व कर्मचारी के द्वारा नजराने का बड़ा रकम मांगी जा रही है. इस मामले को लेकर कई बार अंचल अधिकारी एवं बीडीओ से शिकायत भी की गई है. लेकिन आज तक व्यवस्था में सुधार न हो सका. वही विमान पंचायत के अरियरी गांव निवासी ब्रह्मदेव प्रसाद ने आरोप लगाया कि परिमार्जन के जुलाई महीने में ही आवेदन जमा कराया था. इसके लिए उनसे राजस्व कर्मचारी सचिदानंद पाण्डेय के द्वारा 10 हजार रुपये का नजराना मांगा गया. नजराने की राशि उन्होंने भुगतान भी कर दिया. इसके बाद भी परिमार्जन के आवेदन को रिजेक्ट कर दिया. इसके साथ ही उक्त परिमार्जन के कार्य को संपन्न करने के लिए पांच हजार रुपये का नजराना की राशि फिर से मांगी जा रही है.
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