जिले में 34.67 प्रतिशत किराये के मकान में चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र
जिले में जमीन के अभाव में कई भवन नहीं बन रहे हैं. इसमें आंगनबाड़ी केंद्र का भवन निर्माण भी शामिल है. सरकारी भवन के अभाव में करीब 34.67 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में चल रहे हैं.
बिहारशरीफ.
जिले में जमीन के अभाव में कई भवन नहीं बन रहे हैं. इसमें आंगनबाड़ी केंद्र का भवन निर्माण भी शामिल है. सरकारी भवन के अभाव में करीब 34.67 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में चल रहे हैं. अधिकतर किराये के मकान वाले आंगनबाड़ी केंद्रों में पर्याप्त रूप से पेयजल, शौचालय, खेल-कूद जैसे बुनियादी सुविधा बच्चे वंचित होते हैं. बहुत से किराये के मकान में संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को बैठने के लिए पर्याप्त जगह तक नहीं होते हैं. जिले में कुल 3417 आंगनबाड़ी केंद्र स्वीकृत हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 1357 केंद्र आइसीडीएस के अपने भवन में चल रहे हैं. यह आंकड़ा चिंताजनक है, क्योंकि जिले में लगभग 34.67 प्रतिशत आंगनबाड़ी केंद्र किराये के मकान में चल रहे हैं. इन किराये के भवनों में बच्चों को बुनियादी सुविधाएं जैसे सूर्य की रोशनी, पेयजल, शौचालय और खेल-कूद की सुविधा नहीं मिलती है. इसके अलावा, 506 स्कूलों में और 357 अन्य सरकारी भवनों में भी आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. यह स्थिति जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों की देखरेख और प्रबंधन में कमियों को उजागर करती है. गर्भवती महिलाओं और बच्चों को कुपोषण दूर करने और बच्चों को स्कूल पूर्व शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए खोले गये आंगनबाड़ी केंद्र खुद ही किराये के मकान में संचालित हो रहे हैं. विभाग द्वारा किराये के रूप में प्रति माह राशि भी सेविका को उपलब्ध कराई जा रही है, लेकिन इतनी कम राशि में घर नहीं मिलने के कारण अधिकांश केंद्र सेविका अपने घर में ही संचालित हो रहे हैं. सबसे खराब स्थिति जिला मुख्यालय की है, जहां आइसीडीएस के अपने सिर्फ दो भवन हैं, जहां आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है.डीआरडीए बना रहा 92 आंगनबाड़ी केंद्र :
जिला ग्रामीण अभिकरण (डीआरडीए) के द्वारा 92 आंगनबाड़ी केंद्र के नये भवन बनाये जा रहे हैं. इसमें आठ नव निर्मित आंगनबाड़ी केंद्र विभाग को हैंडओवर कर दिया गया है. साथ ही मनरेगा योजना से 19 पुराने जर्जर आंगनबाड़ी केंद्र का जीर्णोद्धार किया जा रहा है. शेष 12 निर्माणाधीन आंगनबाड़ी केंद्र का भवन लगभग तैयार हो गया है, जो कुछ दिनों में विभाग को हैंडओवर कर दिया जायेगा. कुछ प्रखंडों में आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए जमीन चिन्हित कर डीआरडीए को भेजा गया है. प्रखंड स्वीकृत आंगनबाड़ी किराये में संचालित आंगनबाड़ीबिहारशरीफ ग्रामीण 258 46बिहारशरीफ सदर 206 188रहुई 202 119
बिंद 90 00नूरसराय 213 81हरनौत 232 141सरमेरा 118 57
अस्थावां 228 79राजगीर 124 35बेन 110 27सिलाव 171 45
गिरियक 176 64हिलसा 205 47चंडी 197 72एकंगरसराय 218 10
इस्लामपुर 252 30परवलपुर 87 10करायपरसुराय 92 30नगरनौसा 128 48
थरथरी 110 24टोटल 3417 1185क्या कहते हैं अधिकारीहर माह समीक्षा बैठक में जिला पदाधिकारी के माध्यम से संंबंधित अंचल के अंचलाधिकारी को आंगनबाड़ी केंद्र बनाने के लिए जमीन चिह्नितत करने को कहा जाता है. कुछ प्रखंडों में आंगनबाड़ी के लिए जमीन की सूची मिली हैं, जिससे डीआरडीए को मनरेगा से भवन निर्माण के लिए भेजा गया है.
अर्चना कुमारी, डीपीओ, आइसीडीएस, नालंदाडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है