जिले के 10 प्रखंडों के मनरेगा पदाधिकारियों की वेतन निकासी पर रोक

जिले में 1127 आवास योजना के लाभुकों का मस्टर रॉल स्वीकृति अब तक नहीं निर्गत हुआ है. प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना (पीएमएवाइजी) लाभुकों को मनरेगा मजदूरी भुगतान नहीं करने पर कार्रवाई की गई है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 13, 2024 9:39 PM

बिहारशरीफ. जिले में 1127 आवास योजना के लाभुकों का मस्टर रॉल स्वीकृति अब तक नहीं निर्गत हुआ है. प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना (पीएमएवाइजी) लाभुकों को मनरेगा मजदूरी भुगतान नहीं करने पर कार्रवाई की गई है. प्रत्येक आवास योजना के लाभुक को 90 दिनों का मानव दिवस की पूर्ण मजदूरी देने का प्रावधान है, लेकिन मनरेगा मजदूरी भुगतान के बिना सॉफ्टवेयर पर पूर्ण आवास का इंट्री नहीं हो रहा है. इसकी खुलासा बीते बुधवार की समीक्षा बैठक में हुई, जिसके बाद डीडीसी ने कार्रवाई शुरू कर दी है. जिले के दस प्रखंडों हरनौत, रहुई, नूरसराय, एकंगरसराय, चंडी, इस्लामपुर, हिलसा, बिहारशरीफ, नगरनौसा और बेन के प्रखंड मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारियों की वेतन निकासी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है. इन पदाधिकारियों को डीडीसी खांडेकर श्रीकांत कुंडलीक ने 19 दिसंबर तक अपनी बात रखने का नोटिस दिया है, जिसमें कहा है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की स्वीकृति प्रखंड स्तर से की जा रही है. आवासों की स्वीकृति का वर्क कोड जेनरेट हो गया है. परंतु जिला स्तर से मस्टर रॉल जेनरेट करने के लिए लगातार अनुश्रवण किया जा रहा है.अनुश्रवण के दौरान आपके द्वारा बताया गया कि मस्टर रॉल जेनरेट किया जा चुका है, लेकिन बीते 11 दिसंबर 2024 को एमआईएस की समीक्षा में पाया गया कि दस प्रखंडों हरनौत, रहुई, एकंगरसराय, चंडी, इस्लामपुर, हिलसा, बिहारशरीफ, नगरनौसा और बेन में अब तक कुल 1127 आवासों के लिए मस्टर रॉल जेनरेट कर कार्य प्रारंभ नहीं किया गया है. जिसके कारण अभी तक पीआइएस पर स्वीकृत लेकिन शुरू नहीं हुआ प्रदर्शित हो रहा है. कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं होना यह दर्शाता है कि आपके द्वारा कार्य में रुचि नहीं ली जा रही है. नोटिस में आगे कहा गया है कि मजदूरी भुगतान किये बिना आवास योजना के सॉफ्टवेयर पर आवास को पूर्ण नहीं किया जा सकता और आवास सॉफ्टवेयर पर आवास को पूर्ण करने के बाद लाभार्थी को 90 दिनों का मानव दिवस की पूर्ण मजदूरी नहीं दिया जा सकता है. इसलिए स्पष्ट करें कि किन परिस्थितियों में आवास के लाभुकों को मस्टर रॉल निर्गत कर मजदूरी भुगतान प्रारंभ नहीं किया गया है. संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त होने तक आपका वेतन भुगतान स्थगित किया जाता है. प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना के मुख्य बातें- मनरेगा के पोर्टल पर स्वीकृत लाभुक- 4714 कार्य शुरू करने के बाद भुगतान किये गये लाभुकों की संख्या- 3570 कार्य शुरू करने के बाद भी भुगतान नहीं किये गये लाभुकों की संख्या- 1127 रुपये निकासी के बाद आवास निर्माण पूरा करने वाले लाभुकों की संख्या- 17 प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना से प्रति लाभुक को मिलने वाली राशि- 1.20 लाख रुपये आवास योजना के अतिरिक्त शौचायल निर्माण के लिए प्रति लाभुक मिलने वाली राशि- 12 हजार रुपये आवास योजना के प्रति लाभुक को 90 दिनों का मनरेगा मजदूरी- 22050 रुपये क्या कहते हैं अधिकारी- जिले में 100 डे मिशन के तहत प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण योजना से मकान का निर्माण कराने के लिए लाभुकों को रुपये दिए गए हैं, लेकिन दस प्रखंडों के मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी की कार्य शिथिलता के कारण 1127 लाभुकों को मनरेगा मजदूरी का भुगतान नहीं हुआ है. ऐसे पदाधिकारियों को अलग-अलग नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगते हुए उनकी वेतन निकासी पर रोक लगा दी गई है. यह कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत लाभुकों को मनरेगा मजदूरी भुगतान के बिना सॉफ्टवेयर पर आवास को पूर्ण नहीं किया जा सकता है. -खांडेकर श्रीकांत कुंडलीक, उपविकास आयुक्त, नालंदा किस प्रखंड में कितने लाभुक का है मनरेगा मजदूरी लंबित- प्रखंड- लंबित लाभुकों की संख्या- बेन- 85 बिहारशरीफ-102 चंडी-80 एकंगसराय-125 हरनौत-114 हिलसा-81 इस्लामपुर-79 नगरनौसा-66 नूरसराय-130 रहुई-108

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version