बिहारशरीफ. नालंदा जिले में साइबर अपराधियों ने एक नया तरीका खोजा है जिससे वे कानूनी प्रक्रिया में फंसे लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के ऑनलाइन पोर्टल से एफआईआर की जानकारी चुराकर अभियुक्तों को ठगने का यह नया तरीका सामने आया है. नालंदा के साइबर क्राइम डीएसपी ज्योति शंकर के अनुसार, साइबर अपराधी स्टेट क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो पोर्टल से एफआईआर डाउनलोड कर उनमें दर्ज अभियुक्तों की व्यक्तिगत जानकारी प्राप्त कर लेते हैं. इसके बाद वे इन अभियुक्तों से संपर्क कर केस के सुपरविजन और जांच में मदद का झांसा देकर उनसे मोटी रकम की ठगी करते हैं.डीएसपी ज्योति शंकर ने बताया की अपराधी लोगों की मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. वे एफआईआर से नाम हटवाने का झूठा वादा कर पैसे ऐंठ रहे हैं, उन्होंने स्पष्ट किया कि केस का सुपरविजन और अनुसंधान पूरी तरह से मेरिट के आधार पर किया जाता है. पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि ऐसे किसी भी संदिग्ध कॉल की सूचना तत्काल पुलिस हेल्पलाइन नंबर 9431829011 पर दें. साथ ही लोगों को सचेत किया गया है कि वे ऐसी भ्रामक बातों में न आएं और अपनी कानूनी लड़ाई उचित मार्ग से ही लड़ें. साइबर अपराध विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक चिंताजनक प्रवृत्ति है जो दर्शाती है कि अपराधी कानूनी प्रणाली की जानकारी का दुरुपयोग कर नए-नए तरीके खोज रहे हैं. पुलिस ने इस मामले में कड़ी निगरानी बढ़ा दी है और जल्द ही ठोस कार्रवाई की उम्मीद है.
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