शहर में सीवरेज व नालों की सफाई तेज

शहर में जलजमाव और हंगामे के बाद नगर परिषद और आउटसोर्सिंग ठेकेदारों की नींद खुल गई है. उनके द्वारा नालों और सीवरेज चेंबरों की सफाई अब तेज कर दी गयी है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 4, 2024 9:57 PM

राजगीर. शहर में जलजमाव और हंगामे के बाद नगर परिषद और आउटसोर्सिंग ठेकेदारों की नींद खुल गई है. उनके द्वारा नालों और सीवरेज चेंबरों की सफाई अब तेज कर दी गयी है. इतना ही नहीं मानसून के दस्तक से शहर में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति के दौरान नालों के पानी साथ खेतों में कचरे-पॉलिथीन आदि फैल गये हैं, उसे भी आउटसोर्सिंग ठेकेदार द्वारा चुनवाया जा रहा है. कल तक चैन की नींद सो रहा सीवरेज ठेकेदार भी सड़क जाम और हंगामे के बाद जाग चुका है. गुरुवार की सुबह से ही उनके द्वारा जाम सीवरेज चैम्बर को मशीन से साफ करने की कार्रवाई शुरू की गयी है. सीवरेज रोड के सीवरेज चेंबर की युद्धस्तर पर सफाई की जा रही है. सफाई के दौरान पॉलीथिन और बालू भरी बोरियां बड़ी संख्या में निकल रही है. बिना सुरक्षा उपकरण यथा ग्लव्स, शू, मास्क आदि के सफाई कर्मी सीवरेज चैम्बर व नालों की सफाई में जुटे हैं. सूत्रों की माने तो जलजमाव के लिए जितना दोषी नगर परिषद और अनुमंडल प्रशासन है, उतना ही दोषी नालों के अतिक्रमणकारी और सीवरेज चेंबर को जामकर उसके पानी से खेतों की सिंचाई करने वाले लोग हैं. नगर परिषद स्थाई सशक्त समिति के वरीय सदस्य डॉ अनिल कुमार की माने तो सीवरेज रोड में कुछ लोगों के द्वारा सीवरेज चेंबर में बालू की बोरी डालकर तथा पानी को अवरुद्ध कर खेतों की सिंचाई की जाती है, जिसके कारण सीवरेज नाला का पानी प्लांट की ओर कम और खेतों की ओर अधिक जा रहा था. यही कारण है कि गिरियक रोड व अन्य जगहों पर मानसून की दस्तक के साथ ही जलजमाव की समस्या शहर में उत्पन्न हो गई. उन्होंने कहा कि नगर परिषद द्वारा सीवरेज चेंबर जामकर उसके पानी से पटवन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी. लेकिन कतिपय कारणों से ऐसा नहीं हुआ, जिसके कारण जलजमाव की समस्या झेलनी पड़ी है. उन्होंने कहा कि नगर परिषद और अनुमंडल प्रशासन द्वारा सीवरेज चेंबर में बालू की बोरी डालने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ निष्पक्ष भाव से दंडनात्मक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए. ताकि भविष्य में वैसे लोगों की करगुजारियों के चलते नगर परिषद के आम अवाम को परेशानी झेलनी नहीं पड़ सके. उन्होंने कहा कि शहर में वर्षा के पानी से यह समस्या उत्पन्न हुई है. यदि जंगल और पहाड़ के पानी इन पइनों में आयेंगे, तब क्या होगी. यह कल्पना करने की जरूरत है. सीवरेज ठेकेदार को शहर के एक-एक चेंबर की जांच कर उसकी सफाई की मुकम्मल व्यवस्था करनी चाहिए. वरीय वार्ड पार्षद महेन्द्र यादव और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष मुन्नालाल पासवान, उपेन्द्र कुमार विभूति ने कहा कि जलजमाव और हंगामा के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई तो बनती ही है. यदि नगर परिषद वैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है, तो जिला और अनुमंडल प्रशासन को वैसे लोगों की पहचान कर ऐक्शन लेना चाहिए. डॉ अनिल कुमार, महेन्द्र यादव और मुन्नालाल पासवान ने कहा लेदुआ पुल से पंडितपुर – दरियापुर जाने वाली पइन की सफाई समय रहते नहीं हुई तो गिरियक रोड जैसी भयावह हालत पचम्बा, अम्बेडकर नगर, नूतन नगर आदि में पैदा हो सकता है. शहर में जलजमाव और हंगामे के बाद नगर परिषद और आउटसोर्सिंग ठेकेदारों की नींद खुल गई है. उनके द्वारा नालों और सीवरेज चैंबरों की सफाई अब तेज कर दी गई है. इतना ही नहीं मानसून के दस्तक से शहर में उत्पन्न बाढ़ की स्थिति के दौरान नालों के पानी साथ खेतों में कचरे-पॉलिथीन आदि फैल गये हैं, उसे भी आउटसोर्सिंग ठेकेदार द्वारा चुनवाया जा रहा है. कल तक चैन की नींद सो रहा सीवरेज ठेकेदार भी सड़क जाम और हंगामे के बाद जाग चुका है. गुरूवार की सुबह से ही उनके द्वारा जाम सीवरेज चैम्बर को मशीन से साफ करने की कार्रवाई आरंभ की गयी है. सीवरेज रोड के सीवरेज चैम्बर की युद्ध स्तर पर सफाई की जा रही है. सफाई के दौरान पॉलीथिन और बालू भरी बोरियां बड़ी संख्या में निकल रही है. बिना सुरक्षा उपकरण यथा ग्लव्स, शू, मास्क आदि के सफाई कर्मी सीवरेज चैम्बर व नालों की सफाई में जुटे हैं. सूत्रों की माने तो जलजमाव के लिए जितना दोषी नगर परिषद और अनुमंडल प्रशासन है, उतना ही दोषी नालों के अतिक्रमणकारी और सीवरेज चैम्बर को जामकर उसके पानी से खेतों की सिंचाई करने वाले लोग हैं. नगर परिषद स्थाई सशक्त समिति के वरीय सदस्य डॉ अनिल कुमार की माने तो सीवरेज रोड में कुछ लोगों के द्वारा सीवरेज चेंबर में बालू की बोरी डालकर तथा पानी को अवरुद्ध कर खेतों की सिंचाई की जाती है, जिसके कारण सीवरेज नाला का पानी प्लांट की ओर कम और खेतों की ओर अधिक जा रहा था. यही कारण है कि गिरियक रोड एवं अन्य जगहों पर मानसून की दस्तक के साथ ही जल जमाव की समस्या शहर में उत्पन्न हो गई. उन्होंने कहा कि नगर परिषद द्वारा सीवरेज चैम्बर जामकर उसके पानी से पटवन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए थी. लेकिन कतिपय कारणों से ऐसा नहीं हुआ, जिसके कारण जलजमाव की समस्या झेलनी पड़ी है. उन्होंने कहा कि नगर परिषद और अनुमंडल प्रशासन द्वारा सीवरेज चैम्बर में बालू की बोरी डालने वालों की पहचान कर उनके खिलाफ निष्पक्ष भाव से दंडनात्मक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित किया जाना चाहिए. ताकि भविष्य में वैसे लोगों की करगुजारियों के चलते नगर परिषद के आम अवाम को परेशानी झेलनी नहीं पड़ सके. उन्होंने कहा कि शहर में वर्षा के पानी से यह समस्या उत्पन्न हुई है. यदि जंगल और पहाड़ के पानी इन पइनों में आएंगे, तब क्या होगी। यह कल्पना करने की जरूरत है. सीवरेज ठेकेदार को शहर के एक-एक चैम्बर की जांच कर उसकी सफाई की मुकम्मल व्यवस्था करनी चाहिए. वरीय वार्ड पार्षद महेन्द्र यादव और भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के जिला अध्यक्ष मुन्नालाल पासवान, उपेन्द्र कुमार विभूति ने कहा कि जलजमाव और हंगामा के लिए जो भी जिम्मेदार है, उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई तो बनती ही है. यदि नगर परिषद वैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है, तो जिला और अनुमंडल प्रशासन को वैसे लोगों की पहचान कर ऐक्शन लेना चाहिए. डॉ अनिल कुमार, महेन्द्र यादव और मुन्नालाल पासवान ने कहा लेदुआ पुल से पंडितपुर – दरियापुर जाने वाली पइन की सफाई समय रहते नहीं हुई तो गिरियक रोड जैसी भयावह हालत पचम्बा, अम्बेडकर नगर, नूतन नगर आदि में पैदा हो सकता है.

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