जिले में 7685 एकड़ में होगी मोटे अनाज की खेती
जिले में इस बार मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिये किसानों को प्रशिक्षण से लेकर उसके बीज भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इस संबंध में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सुबोध कुमार सुधांशु ने बताया कि इस बार मोटे अनाज के उत्पादन खेती के लिये लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
शेखपुरा. जिले में इस बार मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने के लिये किसानों को प्रशिक्षण से लेकर उसके बीज भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. इस संबंध में अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सुबोध कुमार सुधांशु ने बताया कि इस बार मोटे अनाज के उत्पादन खेती के लिये लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके तहत ज्वार, बाजरा, मडुआ और मक्का आदि के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है. कृषि विभाग की ओर से किसानों को सब्सिडी पर बिज उपलब्ध कराया जायेगा. मोटे मनाज की खेती के तहत 12 सौ एकड़, बाजरा के लिए 500 एकड़, मडुआ के लिये 2735 और मक्का के लिए 3250 एकड़ लक्ष्य निर्धारित किया गया है. मोटे अनाज की खेती के लिये किसानों को अनुदानित पर बीज उपलब्ध कराया जायेगा. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने भी इसके वैश्विक प्रसार के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं. देश में इसका महत्व और भी ज्यादा इसलिए है, क्योंकि देश में पोषण का स्तर बहुत कम है. उच्च पोषण स्तर के अलावा मोटे अनाजों को बढ़ते धरती के तापमान में जीवन रक्षक माना जा सकता है. यही कारण है कि किसानों से इसके उत्पादन पर जोर दिया जा रहा है.बाजरा को सबसे ज्यादा ताकतवर अनाज माना जाता है.
स्वास्थ्य के लिए हैं फायदेमंद
क्योंकि इसमें फाइबर प्रोटीन और कई पोषणात्मक घटक होते हैं. मोटा अनाज मधुमेह को कम करने में मदद करता है और ह्रदय रोग के जोखिम को कम करता है. मिलेट में प्रोटीन, खनिज,और के संदर्भ में चावल और गेंहू से तीन से पांच गुणा अधिक पोषण होता है. मोटा अनाज स्टार्च का बढिया स्रोत है.जो उच्च उर्जा वाला भोजन बनाता है. मोटा अनाज प्रोटीन और फाईबर का उत्कृष्ट स्रोत है. भारत ने 2021 की संयुक्त राष्ट्र बैठक में 72 देशों के सहयोग से 2023 को ‘अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष घोषित किया है. उच्च पोषण स्तर रखने वाले मोटे अनाज की फसल 46°C तक के तापमान को आसानी से झेल सकती है. इसके लिए पानी की कम मात्रा की आवश्यकता होती है.60 किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन का दिया गया प्रशिक्षण
मोटे अनाज की खेती के लिये किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है. कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन अभिकरण (आत्मा) की ओर से शनिवार को घाटकुसुम्भा प्रखंड कृषि कार्यालय में प्रखंड के 60 प्रगतिशील किसानों को मोटे अनाज की खेती का प्रशिक्षण दिया गया. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उदघाटन प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल कुमार चौधरी ने किया. इस मौके पर कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक भी उपस्थित थे. उन्होंने किसानों को मोटे अनाज की खेती के बारे में बताते हुए कहा कि जलवायु अनुकूल खेती की जानी चाहिए. इसमें मोटे अनाज का उत्पादन किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है. कृषि और खाद् सुरक्षा में मोटे अनाज ज्वार, बाजरा, कोदो आदि का विशेष महत्व है.
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