शेखपुरा. फर्जी जाति प्रमाण पत्र मामले में 24 सितंबर को फैसला आने का संभावना प्रबल बताया जा रहा है. इस मामले में निर्वाचन आयोग ने एक नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में निर्वाचन आयोग ने उपलब्ध कागजात के आधार पर सुनवाई के पूर्व मुख्य पार्षद रश्मि कुमारी को पक्ष रखने को कहा है. गुरुवार को निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी पत्र ने शेखपुरा नगर परिषद के राजनीतिक सरगर्मी को बढ़ा दिया है. इसके साथ ही पार्षद एवं नगरवासियों की धड़कनें भी बढ़ा दी है. इस बाबत जानकारी देते हुए शिकायतकर्ता शुक्ला देवी ने बताया कि उन्हें भी इस आशय का निर्वाचन आयोग के द्वारा पत्र प्राप्त हुआ है. उन्होंने बताया कि लंबे समय से चल रहे सुनवाई में पिछली तारीख को ही निर्वाचन आयोग के द्वारा अंतिम रूप से मुख्य पार्षद को अपना पक्ष रखना को कहा था. इसके लिए 24 सितंबर की तारीख निर्धारित की गई है. उन्होंने बताया कि इस मामले में निर्वाचित मुख्य पार्षद रश्मि कुमारी ने मांझी जाति के फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर चुनाव लड़ने एवं जीत के साथ मुख्य पार्षद पद पर आसीन होने का लाभ गलत तरीके से उठाया था. मुख्य पार्षद के नामांकन के दौरान ही विपक्षी उम्मीदवारों ने शिकायत दर्ज कराई गई थी. इस मामले में लंबे समय तक जांच चलने के बाद दनियावां के अंचल अधिकारी के द्वारा 2 जनवरी 2023 को ही जांच रिपोर्ट सौंप कर जाति प्रमाण पत्र को फर्जी करार दिया था. इस मामले में इसके पूर्व 12 सितंबर को सुनवाई की तिथि निर्धारित थी. लेकिन मोहल्लत लेने के बाद पहली बार इतने कम समय की तारीख देते हुए निर्वाचन आयोग ने मुख्य पार्षद को अपना पक्ष रखने को कहा है. .बृहस्पतिवार को नगर परिषद में पत्र आने की सूचना पर कई पार्षद एवं शहरवासी इसकी जानकारी जुटाने के लिए नगर कार्यालय पहुंचे. इस मामले में चल रही सुनवाई के बीच एक और तारीख निर्वाचन आयोग द्वारा दिए जाने के बाद सरगर्मी परवान पर है.
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